Earthquake: दिल्ली एनसीआर में शनिवार (12 नवंबर, 2022) को फिर से भूकंप आया। शाम को 7:57 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इससे पहले मंगलवार-बुधवार की रात को करीब 2 बजे भूकंप आया था। उस दौरान कुछ लोगों को ही भूकंप के झटकों का एहसास हुआ था, लेकिन आज जिस समय भूकंप आया तब लोग अपने रोजमर्रा के कामों में लगे थे। ऐसे में जब भूकंप आया तो, लोग काफी दहशत में आ गए। इस बीच लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

भूकंप के झटके आज नोएडा और गुरुग्राम के अलावा हरियाणा और यूपी के अन्य इलाकों, उत्तराखंड और पंजाब में भी महसूस हुए। लोगों ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तुरंत प्रतिक्रिया दी, साथ ही कई मीम्स भी शेयर किए।

भूकंप के दौरान क्या करें और क्या ना करें-

भूकंप के दौरान जितना हो सके खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश करें। कुछ भूकंप वास्तव में किसी बड़े भूकंप का पूर्वाभास होते हैं, ऐसे में ज्यादा इधर-उधर घूमने के बजाए किसी सुरक्षित स्थान पर बैठ जाएं। तब तक घर से बाहर ना निकलें, जब तक कि कंपन बंद ना हो जाए और आपको यकीन ना हो जाए कि बाहर निकलना सुरक्षित है। आइए जानते हैं कि अगर घर के अंदर या बाहर हों तो क्या करें-

घर के बाहर हों तो क्या करें

  • भूकंप आने पर किसी मजबूत मेज, बेड या किसी और फर्नीचर के नीचे बैठ जाएं। तब तक वहां बैठे रहें जब तक कंपन बंद न हो जाए। अगर आपके पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है, तो अपने चेहरे और सिर को अपनी हाथों से ढक लें और बिल्डिंग के किसी अंदरूनी कोने में बैठ जाएं।
  • शीशे, खिड़कियों, दरवाजे, दीवार या किसी भी ऐसी चीज से दूर रहें जो गिर सकती है।
  • भूकंप के दौरान बाहर जाने की कोशिश तभी करें जब दरवाजा आपके पास हो।
  • जब तक कंपन बंद न हो जाए तब तक अंदर रहें। शोध से पता चला है कि ज्यादातर चोटें तब लगती हैं जब इमारत के अंदर रहने वाले लोग इमारत के अंदर किसी दूसरे स्थान पर जाने की कोशिश करते हैं या बाहर निकलने की कोशिश करते हैं।
  • ध्यान रखें कि ऐसी स्थिति में बिजली जा सकती है और फायर अलार्म चालू हो सकते हैं।

घर से बाहर हों तो क्या करें

  • अगर भूकंप के दौरान आप घर, ऑफिस या किसी इमारत में ना होकर बाहर हैं तो, ऐसी स्थिति में जहां हो वहीं रुक जाओ और हिलो नहीं। इस दौरान, इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीटलाइट्स और बिजली के तारों से दूर रहें।
  • यदि आप खुली जगह में हैं, तो कंपन बंद होने तक वहीं रहें। सबसे ज्यादा खतरा बिल्डिंग्स के आस-पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, कांच के टूटने और वस्तुओं के गिरने के कारण होती हैं।

अगर चलती गाड़ी में हों तो क्या करें-

  • अगर भूकंप के दौरान आप ड्राइव कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके सुरक्षा अनुमति के अनुसार रुकें और वाहन में ही रहें। इमारतों, पेड़ों, ओवरपास और बिजली के तारों के पास या उनके नीचे रुकने से बचें।
  • भूकंप रुकने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें। उन सड़कों, पुलों, या रैंप से बचें जो भूकंप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।

अगर मलबे में दब गए तो क्या करें-

  • अगर आप भूकंप के कारण मलबे में दब जाएं तो माचिस मत जलाओ।
  • हिले-डुलें नहीं या धूल मत उछालो।
  • एक रूमाल या कपड़े से अपना मुंह ढक लें।
  • अपने पास मौजूद किसी दीवार या पाइप पर अपना पैर मारें ताकि बचावकर्मी आपको ढूंढ लें। आवाज लगाने का विकल्प तभी चुनें अगर इनमें से आप कुछ भी करने में असमर्थ हों। चिल्लाने या आवाज लगाने से मलबे की धूल आपके अंदर जाएगी, जो खतरनाक हो सकता है।

एक हफ्ते में दूसरी बार भूकंप के झटके

एक हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस बार भी भूकंप का केंद्र नेपाल ही है, इससे पहले जब भूकंप आया था तो नेपाल में काफी नुकसान हुआ था और 6 लोगों की जान गई थी। इस बार 54 सेंकड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.4 मापी गई है। इस बार तीव्रता पिछली बार की तुलना में कम है। मंगलवार की रात को आए भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई थी।

शनिवार को आए भूकंप के कारण कई लोग अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल गए। नेपाल के भूकंप निगरानी प्राधिकरण ने कहा कि भूकंप का केंद्र श्रीलंगा था और सही समय स्थानीय समयानुसार रात 8.12 बजे था। प्राधिकरण ने कहा, “नेपाल में पिछले तीन दिनों में यह पांचवां भूकंप है जिसकी तीव्रता चार या उससे अधिक है।”