छज्जुपुर में रहने वाली गुड्डी को रात में ही मोबाइल पर संदेश आ गया था कि सुबह 11 बजे से 2 बजे तक राशन मिलेगा। गुड्डी उन लाखों उपभोक्ताओं में से एक हैं, जिसके पास राशन कार्ड नहीं है और राशन के लिए उसने सरकारी वेबसाइट पर पंजीयन कराया था। ऐसे सैकड़ों लोग राशन के लिए सुबह 9 बजे से कतार में थे लेकिन 2 बजे के बाद ही वितरण शुरू हो पाया।
राशन केंद्र पर राशन देरी से पहुंचा जिससे परेशानी खड़ी हो गई। इस वजह से केंद्रों पर भीड़ बढ़ गई।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार से ही स्कूलों के माध्यम से राशन वितरण करने की योजना तैयार की थी। योजना के तहत बिना राशन कार्ड वालों को 5 किलो राशन दिया जाना था। गुड्डी की तरह ही राजेंद्र और मो कासिम भी ऐसे ही लोगों में शामिल थे। उस जैसे बहुत सारे लोगों को यह संदेश पहुंच था।
इन केंद्रों पर दोपहर के समय में भीड़ अधिक हो गई और तैनात सिविल डिफेंस के कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। खराब व्यवस्था का सबसे बड़ा कारण यह था कि इन केंद्र पर ही दिल्ली सरकार द्वारा भोजन वितरण का भी काम चल रहा था। प्रबंधन के काम में लगे कर्मचारियों ने व्यवस्था को दोषी ठहराया। राशन वितरण के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से ई-कूपन जारी किए गए थे। इस ई-कूपन पर ही लोगों को बताया गया था कि उनको कहां से राशन मिलेगा। दिल्ली भर में कई केंद्र पर यह राशन नहीं पहुंचने की शिकायत सामने आई हैं। लोगों को राशन के लिए नई तारीख 8 अप्रैल दी गई है।

