सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक व्यक्ति ने सीजेआई पर हमला करने की कोशिश की। सुबह के सत्र के दौरान शख्स ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। व्यक्ति को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अदालत कक्ष से बाहर निकाल दिया। इस घटना के कारण कार्यवाही कुछ मिनटों के लिए बाधित हुई, जिसके बाद सत्र फिर से शुरू हुआ।
सूत्रों के अनुसार, वकील जज की कुर्सी के पास गया और अपना जूता निकालकर न्यायाधीश पर फेंकने का प्रयास किया। लाइव लॉ की खबर के अनुसार, उपस्थित वकीलों ने बताया कि अदालत कक्ष से बाहर निकाले जाने के दौरान उस व्यक्ति ने चिल्लाकर कहा, “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान”। कुछ गवाहों ने दावा किया कि उसने जूता फेंकने की कोशिश की जबकि अन्य ने कहा कि वह कागज़ का एक रोल उछालता हुआ प्रतीत हो रहा था। बताया जा रहा है कि उस व्यक्ति ने वकील की पोशाक पहन रखी थी।
यह घटना उस समय हुई जब मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ वकीलों द्वारा मामलों की सुनवाई कर रही थी। वकील मंच के पास पहुँचा, अपना जूता उतारा और उसे न्यायाधीश की ओर फेंकने की कोशिश की। अदालत कक्ष में मौजूद सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और हमले को रोका। वकील को तुरंत अदालत परिसर से बाहर ले जाया गया। हंगामे के बावजूद, मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और अदालत में उपस्थित वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा, “इन सब बातों से विचलित मत होइए। हम विचलित नहीं हैं। इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता।”
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किस कारण से शख्स ने CJI पर फेंका जूता?
सर्वोच्च न्यायालय की सुरक्षा इकाई ने घटना की जांच शुरू कर दी है। वकील के बारे में और उसके हमले के संभावित कारणों के बारे में अधिक जानकारी का इंतज़ार है।
यह घटना संभवतः खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित एक पूर्व मामले में मुख्य न्यायाधीश गवई की टिप्पणियों से प्रेरित थी। सीजेआई गवई की टिप्पणी से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया था और कई लोगों ने मुख्य न्यायाधीश पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया था। दो दिन बाद अदालत में इस विवाद पर बोलते हुए , मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि उनका कोई अनादर करने का इरादा नहीं था।