डीयू के एक अधिकारी के मुताबिक वर्तमान समय में बौद्धिक संपदा के अधिकारों के प्रति जागरूकता की बहुत जरूरत है। इसके लिए हमें पेटेंट से जुड़े सभी उपकरणों के बारे में ज्ञान होना चाहिए।
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को बौद्धिक संपदा, विशेष रूप से पेटेंट के निर्माण, संरक्षण, व्यवसायीकरण और मूल्यांकन की आवश्यकता से परिचित कराना है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य कृत्रिम बौद्धिमत्ता, एडवांस्ड रोबोटिक्स, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो-प्रौद्योगिकी, सीआरआइ (कंप्यूटर से संबंधित आविष्कार) और दूरसंचार जैसी बढ़ती प्रौद्योगिकियों में उभरती हुई पेटेंट प्रवृत्तियों और इसके साथ कानून बनाने वालों तथा अन्य हितधारकों के लिए आने वाली असंख्य कानूनी और व्यावहारिक चुनौतियों के लिए पेटेंट मुद्दों की व्याख्या करना भी है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने प्रत्यायन के लिए पोर्टल शुरू किया
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) ने संस्थानों के प्रत्यायन के लिए एक पोर्टल ‘ईएसीसीआर डाट एनआइओएस डाट एसी डाट इन’ शुरू किया है। पोर्टल पर प्रत्यायन, नवीनीकरण प्रक्रिया, प्रत्यायन रद्द करने, पुन: प्रत्यायन करने, ई-सेवाएं एवं संप्रेषण और पीसीपी एवं परीक्षा का समाकलन जैसी आनलाइन सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
एनआइओएस अध्यक्ष सरोज शर्मा ने पोर्टल का उद्घाटन करते हुए सभी को आश्वासन दिया कि ई-प्रत्यायन प्रणाली पारदर्शी, समयबद्ध, विश्लेषण आधारित और निर्णय समर्थक तंत्र पर आधारित होगी। शिक्षार्थियों की सहायता करने और उन तक व्यापक रूप से पहुंचने के लिए एनआइओएस ने संस्थाओं को प्रत्यायित कर उन्हें भागीदार बनाने के लिए मौजूदा उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने पर विचार किया है।
इससे शिक्षार्थियों तक पहुंचने में बेहतर सेवाएं प्रदान करने में आ रही आरंभिक बाधाओं में भी कमी आएगी। प्रत्यायित संस्थान (एआइ) एनआइओएस के सहभागी संस्थान हैं।
डीयू के सभी कालेजों और विभागों में रात आठ बजे तक खुली रहेंगी कक्षाएं
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपने सभी कालेजों और विभागों से कहा है कि वे अपनी कक्षाओं और प्रयोगशालाओं को सभी कार्य दिवसों में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक खुला रखें ताकि ‘संसाधनों का यथासंभव सर्वोत्तम उपयोग’ सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा कालेजों और विभागों को 31 मई तक इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि पहले ऐसा कोई शासनादेश नहीं था। विश्वविद्यालय ने अधिसूचना में कहा कि उसने विद्यार्थिओं को सभी उपलब्ध संसाधनों का लाभ देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के आधार पर कामकाज के समय में बदलाव किया है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए यूजीसी की ओर से 14 जनवरी को दिशानिर्देश जारी किए गए थे। दूसरी ओर, डीयू ‘साझा सीट आवंटन प्रणाली’ के माध्यम से स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले की प्रक्रिया मई के अंत से शुरू करने पर विचार कर रहा है।
आइआइटी मद्रास ने चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग शुरू किया
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास ने चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग शुरू किया है। यह विभाग चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग में चार वर्षीय बीएस पाठ्यक्रम का संचालन करेगा। यह पाठ्यक्रम भारत में पहली बार शुरू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ‘आइआइएसइआर एप्टीट्यूड टेस्ट’ (आइएटी) के माध्यम से होगा।
उम्मीदवार का मान्यता प्राप्त किसी भी बोर्ड से 2022 या 2023 में विज्ञान स्ट्रीम के साथ बारहवीं कक्षा (या समकक्ष) परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। पाठ्यक्रम के तहत अस्पताल में इंटर्नशिप भी होगी ताकि प्रशिक्षु सिद्धांत और व्यवहार को आपस में जोड़कर सीखें। इस पाठ्यक्रम में चिकित्सा व इंजीनियरिंग शिक्षक दोनों पढ़ाएंगे और विद्यार्थियों को शोध अध्ययन का मजबूत आधार प्रदान करेंगे।