भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बैंच ने कहा कि यदि सरकार इसे नहीं रोक पाती है तो लोगों को टैक्स नहीं चुकाना चाहिए। जस्टिस अरुण चौधरी ने कहा कि लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और असहयोग आंदोलन शुरु करते हुए टैक्स देने से मना कर देना चाहिए। गबन के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना कि यही सही समय है जब सरकार टैक्स देने वाले लोगों के गुस्से को झेले।
कोर्ट ने भ्रष्टाचार को बहु सिरों वाला राक्षस करार देते हुए कहा, ‘ भ्रष्टाचार का अपवित्र माहौल तभी खत्म होगा जब सब मिलकर काम करेंगे। जो लोग सत्ता में बैठे हैं यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे टैक्स चुकाने वाले लोगाें के भ्रष्टाचार खत्म होने की उम्मीद को टूटने न दें। क्या लोग इसलिए टैक्स् भरते हैं कि सत्ताधारी लोग ऐसे काम करें। नैतिकता और सिद्धांत आधुनिक भारत की योजना से बाहर चला गया है।’
जस्टिस चौधरी ने कर्मचारियों की यूनियनाें पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘आश्चर्य की बात है कि केन्द्र और राज्य कर्मचारियों की यूनियन सातवें वेतन आयोग की मांग को लेकर तो प्रदर्शन करती है। लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे अपने साथी कर्मचारियों के खिलाफ न प्रदर्शन करते हैं और न उनका बहिष्कार करते हैं।’