भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार (09/09/2018) को कहा कि मोदी सरकार दलितों के लिए कितनी फिक्रमंद है, इस पर उसे राहुल गांधी के र्सिटफिकेट की जरुरत नहीं। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमारी सरकार ने दलितों के लिए, पिछड़ों के लिए क्या किया, उसकी पूरी रिपोर्ट देश के सामने है। उन्होंने कहा कि देश को पता है कि मोदी सरकार ने किस तरह अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 को संसद से पारित कराकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दलितों के हितों की रक्षा की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही दलितों के सशक्तिकरण की दिशा में कार्यरत्त है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मुद्रा, स्टैंड अप इंडिया और तमाम योजनाओं से यह सुनिश्चित किया कि दलितों के हितों की रक्षा हो और उन्हें आर्थिक सहायता मिले। मुद्रा योजना में 12 करोड़ से ज्यादा रिण स्वीकृत हुए और स्टैंड अप इँडिया में 2.5 लाख से अधिक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण का प्रयास किया गया।

उन्होंने कहा कि दलित समाज के अंदर भाजपा के प्रति अनेक भ्रम फैलाए जा रहे हैं। मोदी सरकार पर सवाल उठाने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को अपनी पुरानी सरकारों के गिरेबां में झांकना चाहिए कि आजादी के इतने दशकों के बाद भी उनकी सरकारों ने क्या किया जो कि दलित आज भी विकास की पंक्ति में आगे आने के लिए मोहताज है।

राहुल गांधी एससी-एसटी (उत्पीड़न रोकथाम) कानून 1989 को कथित तौर पर कमजोर किए जाने के खिलाफ दलित संगठनों की ओर से आयोजित प्रदर्शन में आज शामिल हुए।
गांधी ने मोदी पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री पर ‘‘दलित विरोधी’’ मानसिकता का व्यक्ति होने का आरोप लगाया और इस बात पर जोर दिया कि 2019 में भाजपा की हार के बाद कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए सरकार बनेगी।