संसद में शीतकालीन सत्र के 13वे दिन एक बार फिर प्याज़ पर चर्चा की गई। देश में प्याज़ की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के जेब भारी कर दी है। लगातार महंगी हो रही प्याज़ सरकार के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में एक सांसद ने प्याज के दाम में बढ़ोतरी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल किया। इस पर वित्त मंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों से व्यक्तिगत तौर पर उनपर कोई खास असर नहीं पड़ा है, क्योंकि उनका परिवार प्याज-लहसुन जैसी चीजों को खास पसंद नहीं करता है।
सीतारमण के इस बयान की सोशल मीडिया में जमकर आलोचना हो रही है। उन्होंने कहा ‘मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती इसलिये चिंता न करें। मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जिसे प्याज की कोई खास परवाह नहीं है।’ प्याज़ पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये कई कदम उठाये हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपायम शामिल हैं।
In Parliament Nirmala Sitharaman outlines steps taken by the Govt on the onion crisis .. In an interaction, also says she comes from a family where not much onion or garlic is consumed #OnionCrisis pic.twitter.com/5XO95FBEcx
— Gargi Rawat (@GargiRawat) December 4, 2019
वित्त वर्ष 2019..20 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्याज के भंडारण से कुछ ढांचागत मुद्दे जुड़े हैं और सरकार इसका निपटारा करने के लिये कदम उठा रही है।’’ उन्होंने कहा कि खेती के रकबे में कमी आई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन सरकार उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठा रही है।
सीतारमण ने कहा कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये मूल्य स्थिरता कोष का उपयोग किया जा रहा है। इस संबंध में 57 हजार मीट्रिक टन का बफर स्टाक बनाया गया है। इसके अलावा मिस्र और तुर्की से भी प्याज आयात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान के अलवर जैसे क्षेत्रों से दूसरे प्रदेशों में प्याज की खेप भेजी जा रही है।
(भाषा इनपुट के साथ)