विदेश मंत्री एस. जयशंकर ब्रिक्स सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने शनिवार (3 जून) को कहा कि जब कोई व्यक्ति देश से बाहर जाता है, तो कुछ चीजें राजनीति से परे होती हैं। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर कई बार निशाना साधा था, जिसके बाद जयशंकर की यह टिप्पणी आई है।
अपने देश में बहस करने के लिए तैयार हूं- एस. जयशंकर
ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के बाद केपटाउन में प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘देखिये, मैं केवल अपने बारे में बात कर सकता हूं, मैं कोशिश करता हूं कि जब मैं विदेश जाऊं तो राजनीति न करूं।’’ उन्होंने कहा कि मैं अपने देश में जोरदार तरीके से बहस करने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं।
एस. जयशंकर ने कहा, “अगर मैं विदेश की यात्रा पर हूं तो मैं वहां राजनीतिक नहीं करूंगा। अगर मुझे बहस करनी होगी तो मैं अपने देश में करूंगा। एक लोकतांत्रिक देश में सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी, राष्ट्रीय हित, सामूहिक छवि होती है। कुछ चीज़ें राजनीति से ऊपर उठकर होती हैं। जब आप देश के बाहर कदम रखते हैं तो आपको यह बातें ध्यान में रखनी चाहिए।”
भारत में जो चीजें देख रहा हूं, वह यूरोप और अमेरिका में भी नहीं दिखती- विदेश मंत्री
अमेरिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान विदेश में राजनीति नहीं करने की कोशिश करते हैं। विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा कि भारत अब वह देश नहीं रहा जो धीमी गति से घिसट-घिसट कर चलता था। उन्होंने कहा, ‘‘यह अब वह भारत नहीं है जो अपेक्षाकृत धीमी गति से घिसट-घिसट कर चलता था। जब डिजिटल की बात आती है तो मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत में जो चीजें मैं देख रहा हूं, वह मुझे यूरोप और उत्तर अमेरिका में भी नहीं दिखती।’’
मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों पर जोर
जयशंकर ने कहा, ‘‘जब हम इन नौ सालों में बदलाव की गति की बात करते हैं तो भारत में इस स्तर पर हो रहा बदलाव वाकई बहुत प्रभावशाली और बहुत बड़ा है। विदेश में रह रहे भारतीय समुदाय और विदेश में भारत के शुभचिंतकों को भी इस बात को समझने की जरूरत है।’’
भारतीयों की आत्म-निर्भरता को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों पर जोर देते हुए जयशंकर ने कहा कि यह संरक्षणवादी प्रयास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘एक आत्म-निर्भर भारत ऐसा संरक्षणवादी भारत नहीं है, जो खुद को दुनिया के लिए बंद कर रहा है। यह ऐसा भारत है जो असल में भारत में और ज्यादा निर्माण कर रहा है, जो दुनिया के लिए ज्यादा निर्माण कर रहा है और जो दुनिया के साथ मिलकर अधिक निर्माण कर रहा है।’’
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंध
विदेश मंत्री ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खास संबंधों के बारे में भी बात की। जयशंकर ने कहा, ‘‘जैसे ही हम आजाद हुए और दक्षिण अफ्रीका को रंगभेद के खिलाफ उसके संघर्ष में सहयोग करते रहे तो नेल्सन मंडेला और महात्मा गांधी के प्रतीकों ने बहुत गहरी जड़ें जमा ली।’’ उन्होंने कहा कि आज दोनों देशों के बीच करीब 18 अरब डॉलर का व्यापार होता है।