डॉमिनिका की अदालत ने मेहुल चौकसी के वकीलों की एक न सुनी और उसे जमानत देने से इन्कार कर दिया। वकीलों ने बेल के लिए अपने मुवक्किल पर कड़ी से क़ड़ी शर्तें लगाने का सुझाव दिया था। यहां तक कि सामान्य से दुगनी पेनाल्टी, दस हजार डालर लगाने तक का प्रस्ताव दे डाला था। लेकिन कोर्ट न माना। अभियोजन पक्ष का तर्क था कि जमानत पाते ही चौकसी डॉमिनिका से भाग जाएगा।

मेहुल चौकसी को डॉमिनिका में अवैध प्रवेश के मामले में वहां की अदालत में पेश किया गया था। कोर्ट में वह नीली टीशर्ट और काले शॉर्ट्स पहन कर व्हील चेयर पर आया था। उसने अवैध प्रवेश के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उसको तो एंटीगा से अगवा करके जबरन लाया गया है।

उल्लेखनीय है कि मेहुल पर भारत में साढ़े 13 हजार करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का आरोप है। उसने भारत से चुपचाप निकल कर कैरीबियन देश एंटीगा की नागरिकता ले ली थी। भारत उसका प्रत्यर्पण चाहता है।

मेहुल के वकीलों ने बेल के लिए तर्क देते हुए कोर्ट को याद दिलाया कि डॉमिनिका में अवैध प्रवेश के अनेक मामलों में पहले भी जमानत दी जा चुकी है। वकीलों ने बेल के लिए कठोरतम शर्तों का भी सुझाव दिया। कहा कि जमानत में दस हजार डालर की रकम भी जोड़ दी जाए, जो कि अवैध प्रवेश के मामलों में अनुमन्य जुर्माने (पांच हजार डालर) से दूनी है।

दूसरी ओर अभियोजन पक्ष यानी डॉमिनिका की सरकार अदालत में इसी तर्क के साथ कोर्ट जुटी रही कि अगर ज़मानत दे दी गई तो मेहुल तुरंत भाग जाएगा। वकीलों ने कहा कि अभियुक्त का डॉमिनिका से कोई सरोकार नहीं है। अतः उसे यहां से भागने में कोई संकोच नहीं होगा।

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। मजिस्ट्रेट कैंडिया कैरिट जॉर्ज ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मैं जमानत के पक्ष में दिए गए तर्कों से संतुष्ट नहीं हूं।

उल्लेखनीय है कि हीरों का व्यापारी मेहुल 23 मई को एंटीगा से रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था। उसके खबर आई कि उसे एंटीगा के पड़ोसी देश डॉमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। कहा गया था कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ घुमक्कड़ी करते हुए वहां जा पहुंचा था और पकड़ा गया।

2018 से पिछली 23 मई तक एंटीगा में बतौर नागरिक रहने वाले मेहुल का कहना है कि वह खुद नहीं पहुंचा वरन् अगवा करके डॉमिनिका लाया गया है।