दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) का फेज-1 का काम जब से शुरू हुआ है तब से अब तक हजारों पेड़ काटे जा चुके हैं। इस रूट का काम 1998 में शुरू हुआ था। सरकारी आंकड़े के अनुसार अब तक 44186 पेड़ों का काटकर गिराया गया है। इस दौरान 7923 पेड़ों को लगाया गया है।आंकड़े के मुताबिक डीएमआरसी को इस दौरान 57,725 पेड़ों को गिराने की अनुमति मिली थी, लेकिन कॉरपोरेशन ने अपने ले-ऑउट में बदलाव और दूसरे उपायों से 12,580 पेड़ों को बचा लिया। फेज-1 पर 1998 में काम शुरू हुआ था और 2005 में पूरा हुआ था। इस दौरान निर्माण कार्य के दौरान डीएमआरसी ने 13,858 पेड़ों को काटा और 3,584 पेड़ों को लगाया। फेज-1 में 65 किमी लंबा रेल नेटवर्क शामिल है। इसके अंतर्गत कुल 59 स्टेशन हैं।
फेज-2 के काम के दौरान 17,997 पेड़ काटे गये और 3,052 लगाए गये
2005 से शुरू होकर 2011 तक चले फेज-2 के काम के दौरान डीएमआरसी ने 17,997 पेड़ों को काटा और 3,052 पेड़ों को लगाया। फेज-2 में 125 किमी लंबा रेल नेटवर्क और 89 स्टेशन शामिल हैं। फेज-3 2011 से नौ वर्षों तक चला। डीएमआरसी ने इस दौरान 11,872 पेड़ों को काटा और 506 को लगाया। फेज-3 में 109 स्टेशनों वाले 160 किमी लंबे रेल नेटवर्क का विकास शामिल था।
फेज-4 में पेड़ कम काटे गये, लेकिन लगाये गये ज्यादा
इसी तरह 2019 में शुरू हुआ फेज-4 का काम जनवरी 2022 तक चला। इस दौरान 459 पेड़ों की कटाई हुई और 781 पेड़ों को लगाया गया। फेज 4 के तहत डीएमआरसी तीन कॉरिडोर पर काम कर रहा है, जो 65 किमी तक फैला है और इसमें 48 स्टेशन शामिल हैं। पिछले साल मई में दिल्ली हाईकोर्ट में वन विभाग के पेश आंकड़ों से पता चला कि पिछले तीन वर्षों में राजधानी में विकास परियोजनाओं के लिए लगभग 77,000 पेड़ (यानी हर घंटे औसतन तीन पेड़) या तो काट दिए गए या उनकी जगह दूसरे पेड़ लगाए गए।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि उसी अवधि के दौरान लगाये गये पेड़ों में से केवल एक-तिहाई ही बचे रह पाये। वर्ष 2019, 2020 और 2021 में अधिकारियों ने दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम (DPTA) की धारा 9 के तहत 29,946 पेड़ों को काटने या प्रत्यारोपित करने की अनुमति दी और अधिनियम की धारा 29 के तहत 47,474 पेड़ों को काटने की अनुमति दी।
हालाकि, यह संदेह है कि यदि अवैध वृक्ष-कटाई को भी ध्यान में रखा जाए तो काटे गए पेड़ों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है।
अधिनियम की धारा 9 में कहा गया है कि पेड़ हटाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को भूमि के स्वामित्व दस्तावेजों और जमीनी स्तर से 1.85 मीटर की ऊंचाई पर पेड़ों की परिधि माप के साथ संबंधित वृक्ष अधिकारी के पास एक आवेदन दाखिल करना होगा। धारा 29 सरकार को एक अधिसूचना के माध्यम से जनता के हित में “किसी भी क्षेत्र या पेड़ों की किसी भी प्रजाति” को अधिनियम से छूट देने का अधिकार देती है।