महाभारत के भीष्म पितामह ने भले ही कुंवारे रहे हों, मगर तमिलनाडु की राजनीति के भीष्म पितामह यानी करुणानिधि ने एक नहीं तीन-तीन शादियां कीं। पहली पत्नी के निधन के चार साल बाद उन्होंने दूसरी शादी रचाई। फिर बाद में तीसरी महिला के साथ भी उन्होंने फेरे लिए। एक साथ दो-दो पत्नियां रखने पर कई बार उन्हें विरोधियों की आलोचना भी सहनी पड़ी। उनकी धुरविरोधी ररहीं अन्नाद्रुमुक चीफ स्व. जयललिता भी इसको लेकर ताने मारा करतीं थीं। जयललिता कई बार कहतीं थीं कि करुणानिधि के परिवार में कई पॉवर सेंटर(शक्ति केंद्र) हैं। जाहिर सी बात है उनका इशारा करुणानिधि की दो पत्नियों की तरफ होता था।
तमिल फिल्मों की कहानी लिखते-लिखते तमिलनाडु की सियासत की पटकथा लिखने वाले करुणानिधि की लव स्टोरी हमेशा सुर्खियों में रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि दो पत्नियों के साथ पारिवारिक जीवन में सामंजस्य बनाने के मकसद से वह सुबह एक बीवी के साथ गुजारते थे तो रात दूसरी बीवी के साथ। उन्हें न केवल अपने लंबे परिवार और शासन-सत्ता तथा संगठन में समायोजन बिठाना पड़ता था बल्कि दोनों बीवियों के लिए समय निकालने में भी मुश्किलें होतीं थीं। जिंदगी के इन कई ध्रुवों को एक साथ साधकर करुणानिधि हमेशा चलते रहे।
यूं रचाई तीसरी शादीः जब पहली पत्नी पद्मावती का 1944 में निधऩ हो गया तो चार साल बाद ही दयालुअम्मल से उन्होंने शादी रचाई। पहली पत्नी से हुए एमके मुथु नामक बेटे ने गायन और अभिनय को पेशा बना लिया। 60 के दशक की बात है, जब एक चुनाव प्रचार के दौरान करुणानिधि की मुलाकात रजतिअम्मल नामक महिला से हुई। वे एक दूसरे को पसंद करने लगे।
बाद में उन्होंने अपनी ही पार्टी की ओर से संचालित मुहिम स्वयं मर्यादा कल्याणम (आत्मसम्मान की शादी) के तहत शादी रचा डाली। पार्टी सूत्र बताते हैं कि कानूनी पचड़े में फंसने की डर से करुणानिधि ने दयालुमल को पत्नी तो रजतिअम्मल को दोस्त का ही दर्जा दिया। हालांकि जब 1968 में कनिमोझी का जन्म हुआ तो उन्होंने रजतिमल को अपनी बेटी की मां करार दिया।