Telangana Congress Internal Conflict: कांग्रेस शासित एक और राज्य में असंतोष और बगावत की खबर सामने आ रही है। तेलंगाना की राजनीति से ऐसी खबर है कि यहां पर पार्टी के 10 विधायकों ने अलग से बंद कमरे में बैठक की है। इसके बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सक्रिय हुए हैं और उन्होंने विधायकों के बीच बढ़ते असंतोष को खत्म करने के लिए कदम उठाए हैं।
तेलंगाना में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी और के. चंद्रशेखर राव की सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
बताया जा रहा है बगावत करने वाले अधिकांश नेता पिछले साल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) बीआरएस से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। बीआरएस से आए नेता कांग्रेस के नेताओं के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं जिससे कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में नाराजगी दिखाई दे रही है। खबरों के मुताबिक, कांग्रेस के 10 विधायकों ने विधायक अनिरुद्ध रेड्डी से डिनर मीटिंग में मुलाकात की है। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ एक डिनर मीटिंग थी और विपक्षी दल इसे बेवजह तूल देने की कोशिश कर रहे हैं।
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केसीआर के साथ तस्वीर हटाने से किया था इनकार
कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक महिपाल रेड्डी ने कैंप कार्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर के साथ अपनी तस्वीरें हटाने से इनकार कर दिया था और इससे विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद कुछ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता विधायक के दफ़्तर में घुस गए थे और केसीआर की तस्वीरें हटा दी थीं और उनकी जगह रेवंत रेड्डी की तस्वीरें लगा दी थीं।
महिपाल ने कांग्रेस के निर्वाचन क्षेत्र प्रभारी काटा श्रीनिवास गौड़ पर पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया था। गौड़ 2018 और 2023 के चुनावों में महिपाल से हार गए थे।
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हिमाचल, कर्नाटक में भी बगावत के बादल
बताना होगा कि कांग्रेस देशभर में सिर्फ तीन राज्यों में ही अपने दम पर सरकार चला रही है। इन राज्यों में कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना शामिल है। बीते साल लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में भी बगावत देखने को मिली थी। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खेमों में लगातार लड़ाई देखने को मिली थी। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने पिछले साल नवंबर में कांग्रेस की प्रदेश, जिला और ब्लॉक इकाइयों को भंग कर दिया था।
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इसके अलावा कर्नाटक में भी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार के राजनीतिक गुटों के बीच टकराव की खबरें सामने आती रहती हैं। कांग्रेस हाईकमान काफी मुश्किल से कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पद पर सिद्धारमैया को नियुक्त कर पाया था क्योंकि शिवकुमार के समर्थक अपने नेता को मुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहते थे। देखना होगा कि अगर तेलंगाना कांग्रेस में असंतोष बढ़ा तो क्या मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कांग्रेस हाईकमान इसे सुलझा पाएंगे?
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