भारत सरकार इस मॉनसून सत्र में Digital Personal Data Protection Bill पेश कर सकती है। बताया जा रहा है कि केंद्र द्वारा एक अहम कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी दे दी गई है, अब इसे कानून बनाने के लिए संसद में पेश किया जाएगा। लोगों का पर्सनल डेटा किस तरह से सुरक्षित किया जाए, ये बिल उस लिहाज से काफी अहम बताया जा रहा है।
क्या है Digital Personal Data Protection Bill?
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्टशन बिल दोनों ग्राहक और कंपनियों के लिए बनाया गया है। इस बिल का एक पहलू अगर डिजिटल नागरिकों पर केंद्रित है तो दूसरा उन बिजनेस कंपनियों को कवर करता है जिन्हें आम लोगों के डेटा की जरूरत पड़ती है। उसी बात को धयान में रखते हुए इस बिल के 6 अहम सिद्धांत रखे गए हैं-
पहला सिद्धांत– लोगों का पर्सनल डेटा किस तरह से इकट्ठा किया जा रहा है। जोर देकर कहा गया है कि कोई भी कंपनी अगर लोगों के पर्सनल डेटा को इकट्ठा करती है, तो उसमें पूरी तरह कानून का पालन होना चाहिए। इसके ऊपर हर कीमत पर वो डेटा सुरक्षित रहे, इसकी जिम्मेदारी भी कंपनी को लेनी होगी।
दूसरा सिद्धांत– अगर लोगों का पर्सनल डेटा इकट्ठा किया जा रहा है, तो इसकी एक ठोस वजह होना जरूरी है। वहीं डेटा सिर्फ तब तक स्टोर कर रखा जाए जब तक उसकी जरूरत है।
तीसरा सिद्धांत– सिर्फ वहीं डेटा लोगों का इकट्ठा किया जाए, जिसकी जरूरत है। हर डेटा लेना, उसे अपने पास स्टोर कर रखना गलत है।
चौथा सिद्धांत– अगर किसी स्थिति लोगों का डेटा चोरी होता है, या फिर उसका गलत इस्तेमाल होता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। वहीं उस स्थिति में Data Protection Board को समय रहते उस ब्रीच की जानकारी देना भी जरूरी है।
इस बिल का एक अहम पहलू ये भी है कि अगर किसी तरह का डेटा ब्रीच होता भी है तो उस कंपनी या फिर आरोपी शख्स पर 500 करोड़ तक का जुर्माना लग सकता है। इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अगर किसी का पर्सनल डेटा लिया भी जा रहा है तो उस स्थिति में उसकी रजामंदी लेना जरूरी है।
पहले भी पेश किया गया था बिल, भारी विरोध
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल नवंबर में ही सरकार ने इस बिल का एक ड्राफ्ट पेश किया था। वो ड्राफ्ट भी एक पिछले बिल को बदलकर लाया गया था। असल में इससे पहले भी सरकार ने डेटा सुरक्षा को लेकर बिल लाने की कोशिश की थी। लेकिन उसमें विपक्ष ने क्योंकि 88 संशोधन बता दिया, ऐसे में एक नया बिल लाने की तैयारी की गई। अब ये बिल इस मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है।