पिछले साल सितंबर के महीने में हुई पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध अमोल काले की डायरी से रोंगटे खड़े कर देने वाली जानकारियां सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक डायरी से यह पता चला है कि न केवल गौरी लंकेश की हत्या करने की योजना बनाई गई थी, बल्कि अन्य 36 लोग भी निशाने पर थे। न्यूज़ 18 के मुताबिक इन 36 लोगों में से ज्यादातर लोग महाराष्ट्र के हैं, वहीं 10 लोग कर्नाटक से हैं। कर्नाटक में जिन लोगों को टारगेट किया गया है उन्हें ‘एंटी हिंदू’ कहा गया है। काले की डायरी में ज्यादातर बातें कोड लैंग्वेज में लिखी गई हैं। हालांकि यह बात भी सामने आई है कि इन 36 लोगों को निशाना बनाने के लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक से 50 शूटर्स को इस ऑपरेशन में शामिल करने की योजना थी। इन 50 शूटर्स में से कुछ लोगों को बंदूक, एयर गन्स चलाने और बेलगाम और पुणे में पेट्रोल बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी।
डायरी में यह जानकारी भी सामने आई है कि इन 50 में से कुछ लोगों को ‘मोस्ट डेयरिंग’ शूटर्स की श्रेणी में रखा गया था। 5 सितंबर को गौरी लंकेश के ऊपर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध परशुराम वाघमारे को ‘डेयरिंग’ शूटर के तौर पर चुना गया था। वाघमारे को यह काम इसलिए सौंपा गया था क्योंकि उसने साल 2012 में पाकिस्तानी झंडे का सहारा लेकर अपने होमटाउन विजयपुरा जिले में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का काम किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक वाघमारे को गौरी लंकेश की हत्या से पहले बस और खाने के पैसे के तौर पर 3000 रुपए एडवांस में दिए गए थे और काम होने के करीब एक महीने बाद उसे 10000 रुपए दिए गए थे।
बता दें कि पिछले साल 5 सितंबर की रात पत्रकार गौरी लंकेश को कुछ बाइक सवार बदमाशों ने उस वक्त मौत के घाट उतारा था जब वह ऑफिस से अपने घर लौटी थीं। इस मामले में एसआईटी ने अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य लोगों की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक इस पूरे केस में तीन सह-साजिशकर्ता भी शामिल थे, जिनकी तलाश की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक संदिग्धों ने गौरी लंकेश की हत्या केवल इसलिए की थी क्योंकि उन्हें लगता था कि वह ‘एंटी हिंदू’ हैं।
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