अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच, भारत के विमानन नियामक डीजीसीए ने शनिवार को कहा कि भारतीय एयरलाइनों ने ‘‘ईरानी हवाई क्षेत्र के प्रभावित हिस्से’’ से बचने और उड़ान मार्ग को उपयुक्त ढंग से पुर्निनर्धारित करने का फैसला किया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ट्विटर पर कहा, ‘‘डीजीसीए के परामर्श से सभी भारतीय एयरलाइन संचालकों ने यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ईरानी हवाई क्षेत्र के प्रभावित हिस्से से बचने का फैसला किया है।’’
अमेरिकी विमानन नियामक, संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने शुक्रवार को एयरमैन को एक नोटिस (नोटम) जारी किया, जिसमें अग्रिम सूचना मिलने तक अमेरिका में पंजीकृत विमानों के ईरान के हवाई क्षेत्र से होकर जाने पर रोक लगा दी गई। गौरतलब है कि क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां तेज होने के चलते अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
डीजीसीए के फैसले के बाद, एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने कहा, ‘‘एयर इंडिया की उड़ानों पर इसका कोई ठोस प्रभाव नहीं है। आने वाली उड़ानों के मार्ग को पुर्निनधारित करने पर काम किया जा रहा है।’’ गौरतलब है कि 26 फरवरी को बालाकोट हमले के बाद से भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा बंद है, ऐसे में शनिवार को प्रभावित ईरानी हवाई क्षेत्र से बचने के निर्णय से पश्चिम एशियाई देशों, यूरोपीय देशों और अमेरिका की ओर जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए दिक्कतें पैदा हो सकती है।
गुरुवार को, ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी सैन्य ड्रोन को मार गिराया था, जिसके बाद एफएए ने चेतावनी जारी की थी कि ऐसी संभावना है कि वाणिज्यिक विमानों को गलती से ईरानी हवाई क्षेत्र में निशाना बनाया जा सकता है। इसके बाद , दुनिया भर की प्रमुख एयरलाइनों ने अपने विमान के मार्ग को बदल दिया है।
ईरान ने अमेरिका को चेताया, कहा-किसी भी हमले के होंगे गंभीर परिणाम: तेहरान ने शनिवार को वाशिंगटन को चेतावनी दी कि किसी भी तरह का हमला पश्चिम एशिया में उसके हितों को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा और इस क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक देगा। ईरान की यह चेतावनी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस खुलासे के बाद आई है जिसमें उन्होंने अंतिम क्षणों में हमले को रोकने की बात कही थी। ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के बाद जवाब में अमेरिका ने सैन्य की तैयारी की थी जिसे बाद में स्थगित कर दिया गया। गौरतलब है कि ड्रोन को मार गिराने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। कुछ दिनों पहले तेल टैंकरों पर हमले के बाद अमेरिका ने ईरान पर आरोप लगाया था।
सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबुलफजल शेकरची ने तसनीम समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘ईरान की तरफ एक भी गोली चली तो अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों को भारी नुकसान होगा।’’ उन्होंने कहा कि वर्तमान में, इस क्षेत्र में स्थिति ईरान के हक में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका ईरान पर हमला करने के लिए तैयार था, लेकिन अंतिम समय पर योजना को वापस ले लिया गया क्योंकि यह ईरान द्वारा मानवरहित ड्रोन को गिराने के लिए ‘‘आनुपातिक’’ जवाब नहीं होगा।