कोरोना महामारी के कारण नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) ने शुक्रवार को निर्धारित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का निलंबन 30 नवंबर, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, ये प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कार्गो संचालन और विशेष रूप से डीजीसीए द्वारा अनुमोदित उड़ानों पर लागू नहीं होगा।

भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान सहित 25 से अधिक देशों के लिए एयर बबल के जरिए कोरोना काल में उड़ानों की व्यवस्था की है। ये एयर बबल फ्लाइट ऐसे ही चलते रहेंगे। ये उड़ानें इस आदेश से बाहर हैं। नोटिस में यह भी कहा गया है कि आगे जरूरत पड़ने पर, चयनित मार्गों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति दी जा सकती है।

हाल ही में, एक रिपोर्ट ने सुझाव दिया गया था कि भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध तुरंत ना हटाए। कोरोनो महामारी के बीच पिछले साल मार्च से भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें निलंबित हैं। वर्तमान में, निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर निलंबन 31 अक्टूबर तक है। जिसके बाद शुक्रवार को इसे एक बार फिर से नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया।

नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल ने पीटीआई को बताया कि एयर बबल व्यवस्था के तहत उपलब्ध उड़ानें, मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। वीजा प्रतिबंधों के कारण भी अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर ज्यादा मांग नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका और कनाडा जैसे कुछ क्षेत्रों में, एयरलाइंस के पास दिसंबर 2021 के मध्य के लिए 30 से 40% लोड फैक्टर हैं।

इस आदेश का असर कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी पर सकता है, जिसका बुधवार को पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था। इस आदेश के बारे में बताते हुए बंसल ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो एयर बबल व्यवस्था का भी विस्तार किया जा सकता है।

घरेलू स्तर पर बात करें तो घरेलू हवाई यात्रा यातायात में पिछले महीने 5.45 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। ये वृद्धि कोरोना मामलों में गिरावट के बाद दी गई लॉकडाउन में ढील के बाद देखी गई है। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा करने का विश्वास मिला है। डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 6.7 मिलियन की तुलना में सितंबर में लगभग 7.07 मिलियन यात्रियों ने हवाई जहाजों के जरिए यात्रा की है।