हाथरस भगदड़ कांड में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किए जाने पर उसके अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह ने हैरत जताया है। उन्होंने कहा, “मुझे एफआईआर की कॉपी मिल गई है और मुझे जांच एजेंसियों पर पूरा भरोसा है। देव प्रकाश मधुकर हार्ट पेशेंट हैं और उनके परिवार के एक सदस्य की भी इस घटना में मौत हो गई है… वह हार्ट पेशेंट हैं और अस्पताल में भर्ती हैं लेकिन जैसे ही उनकी हालत स्थिर होगी, हम उन्हें पुलिस और एसआईटी के सामने पेश करेंगे ताकि आगे की कार्यवाही ठीक से हो सके।”
वकील ने कहा- देव प्रकाश मधुकर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है
डॉ. एपी सिंह ने कहा, “देव प्रकाश मधुकर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। हम न तो कोई अदालती कार्यवाही शुरू करने जा रहे हैं और न ही कुछ करने जा रहे हैं…।” मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर इस भयावह घटना के बाद से घर नहीं लौटा है और उसके परिवार के सदस्यों का भी अता-पता नहीं है। भगदड़ की घटना में 121 लोग मारे गए थे।
पड़ोसियों का कहना है कि मधुकर जूनियर इंजीनियर के रूप में काम करता था और नारायण साकार हरि एवं भोले बाबा के नाम से जाने जाने वाले सूरजपाल का कट्टर अनुयायी भी था। गुरुवार दोपहर जब समाचार एजेंसी पीटीआई के रिपोर्टर ने सिकंदरा राऊ इलाके के दमादपुरा की न्यू कॉलोनी स्थित उसके दो मंजिला घर का दौरा किया तो मुख्य दरवाजे पर ताला लटका मिला। यह मुख्य रूप से दलित इलाका है और भगदड़ स्थल फुलराई गांव से इस क्षेत्र तक पहुंचने में बमुश्किल पांच मिनट लगते हैं।
सिकंदरा राऊ स्टेशन के सामने स्थित न्यू कॉलोनी के निवासी इस बात पर बंटे हुए हैं कि क्या वास्तव में मधुकर की गलती की वजह से भगदड़ मची। भोले बाबा के दो जुलाई के ‘सत्संग’ का ‘मुख्य सेवादार’ मधुकर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में एकमात्र नामजद आरोपी है। पड़ोस में रहने वाले कानून के छात्र अखिलेश को लगता है कि मधुकर को मुख्य आरोपी के रूप में मामले में झूठा फंसाया जा रहा है, जबकि बाबा बच गया है।
अखिलेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “क्या वह (मधुकर) सभी लोगों को ‘सत्संग’ के लिए बुलाने उनके घर गया था? बाबा की वजह से लोग आए थे लेकिन वह मौके से भाग गया।” हालांकि, सभी लोग मधुकर के समर्थक नहीं हैं। उसके पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने कहा, “जब आप सरकारी अधिकारियों या पुलिस को कार्यक्रम स्थल के अंदर जाने की अनुमति नहीं देंगे तथा आपके स्वयंसेवक सोचते हैं कि वे कुछ भी कर सकते हैं, तो आप और क्या उम्मीद करते हैं।” इसी तरह एक अन्य महिला ने कहा, “आप सरकारी अधिकारियों या पुलिस को कार्यक्रम स्थल के अंदर जाने की अनुमति क्यों नहीं देते। क्या इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ छिपा रहे हैं?”
इस बीच, पुलिस ने मधुकर की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की और कहा कि वह उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट प्राप्त करने की भी कोशिश कर रही है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को आयोजन समिति के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।