महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम में मंगलवार (26 नवंबर) की दोपहर जो मोड़ आया, उसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सोशल मीडिया पर निशाने पर आ गए हैं। पहले अजित पवार के इस्तीफे की खबर आई और कुछ ही देर बाद देवेंद्र फड़णवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- हमारे पास बहुमत नहीं है, इसलिए हम राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। फड़णवीस ने वीकेंड पर सुबह-सुबह 7.50 बजे बेहद गुपचुप तरीके से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इन्हें शपथ दिलाने के लिए सवेरे 5.47 बजे राष्ट्रपति शासन हटाने का ऑर्डर जारी हुआ था। 26 नवंबर को दोनों के इस्तीफे के बाद महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने गवर्नर पर तंज कसते हुए ट्वीट किया- ‘Mere Karan Arjun vapas Ayenge!’ Koshiyari.
तुषार गांधी एक अन्य ट्वीट में कहते हैं ‘महाराष्ट्र के घटनाक्रम ने मुझे श्यामबाबू की फिल्म मंथन की फिल्म का एक डॉयलॉग याद आ गया। इसमें एक किरदार जिसे कुलभूषण खरबंदा ने प्ले किया था जिसमें वह कहते हैं ‘‘Ek baar Sisoty ke register mein Mero dastakhat karva do Sahib!’
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर सवाल उठाया: …तो क्या महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने बहुमत की संख्या को लेकर निशचिंत हुए बिना देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी? तो क्या फड़णवीस और पवार के इस्तीफे के बाद अब कोश्यारी को भी इस्तीफा देना चाहिए? और उनका क्या हो जिन्होंने सुबह-सवेरे शपथ समारोह के लिए राज्यपाल को बाध्य किया और संवैधानिक पद की गरिमा गिरवाई?
फड़णवीस और पवार को शपथ लेने के 80 घंटे बाद ही इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 27 नवंबर को देवेंद्र फड़णवीस को विधानसभा में बहुमत परीक्षण का सामना करना होगा। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का गठबंधन फड़णवीस के शपथ को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इन 80 घंटों में महाराष्ट्र की राजनीति में सरकार बनाने-बिगाड़ने के लिए तरह-तरह के खेल पर्दे के पीछे चलते रहे।
Devendra Bhai is sounding very self-righteous as he tenders his resignation, but he will be remembered as India’s Midnight Cowboy!
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) November 26, 2019
Governor should be declared as unfit and must be removed immediately as the governor and should be barred from holding any constitutional position. #MaharashtraPoliticalCrisis #FloorTest #Governor
— Saral Patel (@SaralPatel) November 26, 2019
वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने ट्वीट कर कहा ‘गवर्नर का ऑफिस एक दशक पहले ही मजाक का पात्र बना गया था, इसलिए कोश्यारी को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं। 5.47 बजे डिजिटली लोडेड अधिसूचना राष्ट्रपति कोविंद को हमेशा परेशान करेगी। यह संस्थागत क्षति तो है ही इसके अलावा, लगता है कि युवा फड़नवीस ने खुद को भी क्षति पहुंचाई है।’
— Adil shaikh (@Adilsha17659260) November 26, 2019