महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को उम्मीद जताई कि शिवसेना के साथ जल्द ही समझौता होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने राकांपा के एकतरफा समर्थन को न तो स्वीकार किया है और न ही इससे इनकार किया है।
विश्वास मत के दौरान राकांपा के समर्थन पर आलोचनाओं का सामना कर रहे फडणवीस ने कहा कि पिछले 22 वर्षों के राजनीतिक जीवन में उनकी इतनी आलोचना नहीं हुई जितनी वोट के बाद पहले तीन दिन में हुई है। यहां हुए एक लीडरशिप समिट में उन्होंने कहा कि शिवसेना हमेशा दोस्त रही है और भविष्य में मेरा मानना है और मैं उम्मीद करता हूं हम दोस्त बने रहेंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने बहरहाल दोनों पूर्ववर्ती सहयोगियों के बीच जारी वार्ता के बारे में विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि वार्ता सही दिशा में जा रही है। महाराष्ट्र भाजपा के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने दो दिन पहले उम्मीद जताई थी कि दोनों दलों के बीच वार्ता से कुछ अच्छा नतीजा निकलेगा।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि संघ दोनों दलों के बीच मध्यस्थता कर रहा है। फडणवीस ने कहा कि संघ मध्यस्थता नहीं कर रहा। वह राजनीति नहीं करता। यह ऊर्जा का केंद्र है जहां से हम राष्ट्रवाद के लिए ऊर्जा ग्रहण करते हैं। दोनों पिछले 25 वर्षों से एक-दूसरे को जानते हैं और साथ काम कर रहे हैं। हम एक दूसरे से बात कर सकते हैं। संघ का समर्थन प्राप्त और संघ के नेताओं से अकसर मुलाकात करने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जब उनसे बात करते हैं तो देश के बारे में बात करते हैं। फडणवीस ने कहा कि राकांपा ने हमें एकतरफा समर्थन की पेशकश की। लेकिन हमने न तो समर्थन से इनकार किया और न ही इसे स्वीकार किया। कुछ करना होगा। फडणवीस ने कहा कि पिछले 22 सालों के राजनीतिक जीवन में इतनी आलोचनाओं का सामना नहीं किया जितना कि विश्वास मत प्रस्ताव का सामना करने के तीन दिन बाद किया।
आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर प्रहार करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री की तरह नहीं बनना चाहते और जिम्मेदारियों से भागना नहीं चाहते। फडणवीस ने कहा- मेरे पास अरविंद केजरीवाल बनने और जिम्मेदारियों से भागने का विकल्प था। लेकिन मेरे काम से मेरा आकलन कीजिए।