डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 2002 में हुए एक हत्याकांड के मामले में उन्हें नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। अब सीबीआई ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में राम रहीम को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने मामले में बरी किए गए आरोपियों से जवाब मांगा है।
क्या है पूरा मामला?
10 जुलाई 2002 की शाम सिरसा डेरे का प्रबंधक रंजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे एक गुमनाम चिट्ठी को वजह बताया गया। इसमें सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में गुरमीत राम रहीम द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों को उजागर किया गया था। शक था कि डेरा के तत्कालीन प्रबंधक रंजीत सिंह ने उस चिट्ठी का प्रचार प्रसार करवाया था।
इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने और डेरा के मैनेजर की संदिग्ध हत्या के बाद बड़े पैमाने पर लोगों में आक्रोश पैदा हुआ था। 2003 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। जांच के बाद सीबीआई ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 28 मई 2024 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई की सजा को खारिज करते हुए राम रहीम को बरी कर दिया था।
सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती
सीबीआई ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। बता दें कि पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने रंजीत सिंह की हत्या में शामिल होने के लिए गुरमीत राम रहीम और चार अन्य – अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को दोषी ठहराया था। सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये, सबदिल सिंह पर 1.50 लाख रुपये, जसबीर सिंह और कृष्ण लाल पर 1.25 लाख रुपये और अवतार सिंह पर 75,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। आगे पढ़ेंः कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में NIA कोर्ट का बड़ा फैसला, सभी 28 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा