देश की आर्थिक वृद्धि दर 6 फीसदी से नीचे जाने और ऑटो, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी के बीच बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंदी को मौसम से जोड़ते हुए बयान दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का कहना है सावन, भादो में हर साल मंदी होती है।

मोदी ने इस बारे में ट्वीट में लिखा, वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार कुछ राजनीतिक दल इसको लेकर हल्ला मचा रहे हैं। ये दल चुनाव में अपनी हार की खीझ निकाल रहे हैं।’ सुशील मोदी केंद्र सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज के बारे में ट्वीट के जरिये जानकारी दे रहे थे।

सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा। बिहार के वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक मंदी को लेकर बहुत चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

केंद्र सरकार की तरफ आर्थिक मंदी से निपटने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं। मोदी ने आगे कहा कि इस मंदी से बिहार में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बिहार में वाहनों की बिक्री में कोई गिरावट नहीं आई है। केंद्र सरकार की तरफ से जल्द ही तीसरे पैकेज की घोषणा की जाएगी।

मालूम हो कि इस साल अप्रैल से जून की खत्म हुई तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर छह साल में सबसे कम रही है। इस दौरान आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई। सबसे अधिक गिरावट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में देखने को मिली। इस क्षेत्र में वृद्धि दर 12.1 से घटकर 0.6 फीसदी रह गई।

अर्थव्यवस्था के ताजा आंकड़ों ने औद्योगिक उत्पादन के घटने और नौकरी छिनने की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार के समक्ष मांग को बढ़ाने की चुनौती है। कृषि क्षेत्र में भी विकास की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। इस क्षेत्र में विकास दर 2 फीसदी रही। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह दर 5.1 फीसदी थी। रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाले निर्माण और खनन क्षेत्र में भी विकास दर क्रमशः 5.7 और 2.7 फीसदी रही।