कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीरता का दावा तब खोखला साबित होता है जब जहांगीर पुरी के लोगों से मिलते हैं। दिल्ली का सबसे बड़ा संवेदनशील केंद्र (हॉटस्पॉट) होने के बावजूद यहां सरकारी एंजसियां आजतक मेहरबान नहीं हुई हैं। लोगों का दर्द है कि सरकार ने इलाके को केवल सील क्षेत्र बनाकर छोड़ दिया है।
आजतक उनके दवा का छिड़काव नहीं हुआ है। गलियां सील होने के बाद झाडू तक नहीं लगी है और कूड़ा लेने वाली गाड़ियां सील क्षेत्र के मुख्य मार्ग तक ही पहुंचती हैं। जहांगीर पुरी के निवासी विजय चौहान ने बताया कि 28 मार्च की रात को ही कोरोना संक्रमण का मामला आने के बाद से ही उनके क्षेत्र को प्रशासन ने सील कर दिया था। गलियों के दोनों मुहाने पर बैरिकेड लगा दिए थे। उस दिन से कोई सरकारी कर्मचारी नहीं आया।
गलियों की सफाई बंद हो गई और विषाणुनाशक दवाओं का भी कोई छिड़काव नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं तो प्रशासन को जनता की तकलीफ समझनी चाहिए। इस सील क्षेत्र में रह रहे अनिल अरोड़ा ने बताया कि संक्रमण बढ़ने पर सील क्षेत्र के अंदर भी हमने गलियां खुद ही बंद कर दी है।
सील होने के बाद भी जन प्रतिनिधियों ने एक माह बाद भी सफाई व दवा छिड़काव की तरफ कोई घ्यान नहीं दिया है। सील क्षेत्र में खुले आम बाजार लग रहे हैं। इस ब्लॉक में रहने वाले हरिनाथ गुप्ता ने बताया कि कॉलोनी की हालत देखकर ऐसा लगता ही नहीं की हम सील क्षेत्र में रह रहे है। सारा दिन पूरे इलाके में अंदर ही अंदर सभी गतिविधियां जारी है और दुकानें खुल रही हैं। बड़ी संख्या में सब्जी ठेले वाले लोग आ रहे हैं और नजदीक के पार्क की चारदिवारी के साथ पटरी बाजार भी लग रहा है। निगरानी व्यवस्था नहीं होने की वजह से अब तक चार बड़े ब्लॉक एंजसियां सील कर चुकी है।
पेशे से एकाउंटेंट राहुल ने बताया कि संक्रमण का सबसे अधिक खतरा तंग गलियों में है। सरकारी मशीनरी केवल बाहर के प्रमुख मार्गों पर छिड़काव कर अपना पल्ला झाड़ रही हैं। कॉलोनियों के अंदर सेनेटाइजेशन नहीं होना बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह हैं। यह भीड़ वाला इलाका है।
सील होने के तुरंत बाद सरकार ने कॉलोनी के लिए कुछ फोन नंबर जारी कर उनके बोर्ड इलाके में लगाए थे लेकिन इन नंबरों सो भी कोई मदद नहीं आती। जो सामान क्षेत्र में नहीं मिल पाते उन्हें आसपास में रह रहे रिश्तेदारों की मदद से गली के मुख्य मार्ग पर बुला लिया जाता है।
खोखले दावे
लोगों ने बताया मुश्किलों से दोस्तों से मंगवाते हैं सामान
आज तक नहीं हुआ संक्रमणरोधी दवा का छिड़काव
दिल्ली में 97 सील क्षेत्र, इन सील क्षेत्रों में 4,02,184 लोग रहते हैं
इनमें 5438के नमूने जांच के लिए भेजे हैं, 260 कोरोना मरीज मिले