दिल्ली में सोमवार को यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर शाम 6 बजे खतरे के निशान को पार कर गया। यह 205.55 मीटर पर पहुंच गया। इस बीच बाढ़ का खतरा मंडराने लगा। वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बाढ़ की तैयारियों का जायजा लिया और कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने सोमवार शाम को कहा कि राजधानी में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं होगी।
रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
रेखा गुप्ता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी छोटी-मोटी समस्या की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने निवासियों को सतर्क कर दिया है। वहीं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। सीएम कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में रेखा गुप्ता के हवाले से कहा गया, “दिल्ली के लोगों को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। उनकी सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रमुख स्थानों पर 14 नावें तैनात की गई हैं।”
पिछले तीन दिनों से नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बनी हुई है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार जलस्तर में और वृद्धि होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी ज़िला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में एक केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि यमुना का पानी मुख्य सड़कों तक न पहुँचे और यातायात प्रभावित न हो।
दिल्ली में आ सकती है बाढ़! खतरे के निशान के पार यमुना, हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी
जलस्तर में वृद्धि
अधिकारियों के अनुसार जलस्तर में वृद्धि का कारण हरियाणा के ऊपरी बैराजों से लगातार आ रहा पानी है। राज्य के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं। सोमवार सुबह 7 बजे जलस्तर 204.80 मीटर दर्ज किया गया, जो दोपहर तक बढ़कर 205.15 मीटर हो गया। अधिकारियों के अनुसार इस दौरान बैराज से अलग-अलग समय पर 49,000 से 58,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, जबकि वज़ीराबाद बैराज से पानी सुबह 7 बजे लगभग 36,170 क्यूसेक से बढ़कर सोमवार सुबह 10 बजे लगभग 39,470 क्यूसेक हो गया। ओखला बैराज से पानी का बहाव 68,000 क्यूसेक रहा।
मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार जलभराव की आशंका वाले प्रमुख क्षेत्रों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली नगर निगम सहित विभिन्न विभागों द्वारा नालों की सफाई का काम तेज़ कर दिया गया है। पंप हाउसों का निरीक्षण पूरा हो चुका है और मोबाइल पंप तैनात कर दिए गए हैं।
जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने पर निकासी के आदेश जारी किए जाते हैं। एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन पिछले हफ्ते से निवासियों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का अनुरोध कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार बाढ़ की स्थिति में लोगों के सुरक्षित ट्रांसफर के लिए राहत और बचाव कार्यों के उपकरणों की पूरी तरह से जाँच की गई है और उन्हें तैयार रखा गया है।
पिछले हफ्ते अधिकारियों ने आगाह किया था कि अगले दो दिनों में नदी के ऊपरी हिस्से में मध्यम जल-स्राव भी जल स्तर को बढ़ा सकता है। जुलाई 2023 में नदी अभूतपूर्व रूप से 208.66 मीटर तक बढ़ गई थी, जो दिल्ली में अब तक का सबसे ऊँचा बाढ़ स्तर था। हालाँकि पिछले वर्ष यमुना का जल स्तर चेतावनी स्तर से नीचे रहा था।