नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगे में AAP निगम पार्षद ताहिर हुसैन का नाम आरोपी के तौर पर आया। IB कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप ताहिर हुसैन और उनके समर्थकों पर है, जबकि पूरे प्रकरण में हुसैन के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज हैं।
दिल्ली की राजनीति में ताहिर हुसैन भले ही कोई बड़ा नाम ना हों लेकिन पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा, नेहरू नगर और चांद बांग इलाकों में उनकी गहरी पैठ बताई जाती है। मोहम्मद ताहिर हुसैन उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले वार्ड संख्या 59 नेहरू विहार के निगम पार्षद हैं। यह इलाका पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तहत आता है।
निगम का चुनाव लड़ने से पहले ताहिर ने कोई अन्य चुनाव नहीं लड़ा था। हलफनामे के अनुसार 8वीं पास ताहिर ने आयोग को 2017 में दी गई जानकारी में बताया था कि वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 10वीं की पढ़ाई कर रहे हैं। ताहिर ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर निगम चुनाव जीता था।
ताहिर हुसैन पेशे से बिजनेसमैन हैं। हलफनामे में ताहिर ने अपनी पत्नी को भी व्यवसायी बताया था। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार ताहिर के खिलाफ अभी तक कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। ताहिर करावल नगर के निहरू विहार की ए-ब्लॉक में रहते हैं।
उन्होंने आयोग को दी गई जानकारी में खुद के पास करीब 18 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की बात कही थी। दूसरी तरफ ताहिर हुसैन ने वीडियो जारी कर इस पूरे मामले में खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि दंगाईयों ने मेरे घर पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा कि मैं 25 फरवरी से अपने घर गया ही नहीं हूं।