दिल्ली के साउथ पटेल नगर में एक सिविल सेवा अभ्यर्थी की मौत पिछले हफ्ते करंट लगने से हुई थी। अब मजिस्ट्रेट जांच से पता चला है कि मृतक के पड़ोसी के घर में लगे सबमर्सिबल पंप का एक लाल तार लोहे के गेट के संपर्क में आ गया था। छात्र ने गलती से उसे छू लिया था और उसकी मौत हो गई। 26 वर्षीय नीलेश राय एक लाइब्रेरी में पढ़ाई के बाद अपने पेइंग गेस्ट आवास में लौट रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पानी से भरी सड़क पर लोहे के गेट को पकड़ लिया और करंट की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हुई।

मजिस्ट्रेट जांच में बड़ा खुलासा

नीलेश को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव से घटना की जांच शुरू करने को कहा था और मजिस्ट्रेट जांच की घोषणा की गई थी। जांच एसडीएम (पटेल नगर) द्वारा की गई थी और इसमें दो पुलिस अधिकारियों, बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर-डीडीएल के एक जोनल मैनेजर और क्षेत्र विद्युत पर्यवेक्षक की एक टीम द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक क्षतिग्रस्त इंसुलेशन वाला तार कई जगहों पर लोहे के गेट को छूता हुआ पाया गया। इस तार से साउथ पटेल नगर के मकान नंबर 8/23 में पानी पंप की मोटर को बिजली सप्लाई होती थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, “घटना के दिन भारी बारिश के कारण स्थिति और खराब हो गई, जिसके परिणामस्वरूप नीलेश राय की मौत हो गई।” मजिस्ट्रेट रिपोर्ट के अनुसार पटेल नगर का ब्लॉक 8 एक घनी आबादी वाला आवासीय क्षेत्र है और पुराने राजेंद्र नगर और करोल बाग जैसे आसपास के इलाकों के साथ-साथ यूपीएससी कोचिंग सेंटरों का केंद्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में कई आवासीय घरों को पेइंग गेस्ट आवास में बदल दिया गया है और मालिकों ने एयर कंडीशनिंग, इंटरनेट सेवाओं और अन्य सुविधाओं के लिए भारी वायरिंग करवाई है।

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई आवासीय इमारतों ने स्टिल्ट और ग्राउंड फ्लोर को लाइब्रेरी और जिम जैसी कमर्शियल भवनों में बदल दिया था, जिनमें केवल एक एंट्री और एग्जिट गेट है इसके अलावा एमसीडी और फायर डिपार्टमेंट से आवश्यक अनुमति भी नहीं है, जिससे भीषण आग लगने का खतरा है। एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इमारतों के इलेक्ट्रिक लोड का आकलन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए जांच की आवश्यकता है कि उचित इंसुलेटेड वायरिंग का उपयोग किया जा रहा है।

एसडीएम ने भी दी रिपोर्ट

एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “मेरी राय में यह वह प्रमुख कारण हो सकता है जिसे जांच टीम ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में नजरअंदाज कर दिया।” एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की कि मकान मालिकों को एक स्वतंत्र और प्रमाणित ऑडिटर से एक इलेक्ट्रिक ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त करनी चाहिए, जिसमें सबमर्सिबल पंप और एयर कंडीशनर जैसे सभी इलेक्ट्रिक इंस्टालेशन की सुरक्षा का विवरण होना चाहिए।