दिल्ली के रामलीला मैदान में कर्मचारी चयन (SSC) हजारों अभ्यर्थी इकट्ठा हुए थे। यह सभी अभ्यर्थी परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों के विरोध में धरने पर बैठे थे। वहीं इन्हें हटाने के लिए पुलिस जब पहुंची तो इनकी बहस हो गई। रविवार शाम दिल्ली के रामलीला मैदान में भारी हंगामा हुआ। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

अधिकारियों ने बताया कि 15,000 से ज़्यादा प्रदर्शनकारी जमा हुए थे, जिनमें से लगभग 100 ने दिन भर के लिए रैली खत्म करने से इनकार कर दिया। इसके कारण SSC उम्मीदवारों और पुलिस के बीच टकराव हुआ, जिसके कारण लगभग 44 छात्रों को हिरासत में लिया गया। इस बीच पुलिस ने कथित तौर पर छात्रों से शुरू में तय समय के बाद विरोध प्रदर्शन रोकने का अनुरोध किया।

प्रदर्शन करने दिल्ली आए शिक्षकों और छात्रों पर लाठीचार्ज

प्रदर्शन स्थल से प्राप्त कई फुटेज में उम्मीदवारों की पुलिस अधिकारियों से झड़प होती दिख रही है। दिल्ली में SSC उम्मीदवारों का कड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है, जो प्रशासन पर दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया का आरोप लगा रहे हैं। SSC की सरकारी परीक्षा 24 जुलाई को शुरू हुई थी और 1 अगस्त को खत्म होने वाली थी। यह कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) के माध्यम से आयोजित होने वाली थी।

शुरुआत में जो प्रक्रिया सीधी-सादी लग रही थी, वह तब विवादास्पद हो गई जब छात्रों ने प्रशासनिक खामियों, तकनीकी गड़बड़ियों और परीक्षा केंद्रों की खराब स्थिति का आरोप लगाया। शिक्षकों और कोचिंग ट्यूटर्स समेत विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि कुछ छात्रों को उनके घरों से 400 से 500 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र दिए गए थे। वहां जाने में काफी समय और पैसा खर्च करने के बाद, कई छात्र यह जानकर हैरान रह गए कि उनकी परीक्षाएं बिना किसी चेतावनी के रद्द कर दी गईं।

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पीटीआई से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी शिक्षक ने कहा, “उम्मीदवारों को दूर-दराज के इलाकों में भेजा जा रहा है, जहां पहुंचने पर उन्हें पता चलता है कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। एक केंद्र पर जब छात्र ऊपर परीक्षा दे रहे थे, तो हमने मवेशियों को देखा। कई केंद्रों पर बाउंसर तैनात किए गए हैं ताकि वास्तविक चिंताएं जताने वाले उम्मीदवारों को चुप कराया जा सके।”

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