प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद दिल्ली ने नौ मिनट तक अपने घरों और अन्य जगहों की बिजली बंद कर बड़ी बचत की है। दिल्ली वालों ने ठीक नौ बजे बिजली बंद कर दीये से प्रकाश किया। इस दौरान 852 मेगावॉट बिजली की बचत हुई है जबकि अर्थ ऑवर पर यह बिजली बचत केवल 78 मेगावॉट थी।
रविवार देर रात नौ बजे जब प्रधानमंत्री की अपील का वक्त शुरू हुआ। उस वक्त दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 2100 मेगावॉट थी और अपील के बाद जब बिजली बंद होनी शुरू हुई तो मांग में गिरावट दर्ज की गई। यह कार्यक्रम समाप्ति के समय तक केवल 1248 मेगावॉट ही रह गई। गिरावट का असर केवल किसी विशेष क्षेत्र तक समित नहीं था। बीएसईएस, टीपीडीडीएन, एनडीएमसी समेत सभी कंपनियों में दर्ज की गई।
2007 में पहली बार हुई थी पहल
सबसे पहले 2007 वन्य एवं पर्यावरण संगठन (डब्लूडब्लूएफ) ने आस्ट्रेलिया के सिडनी से यह पहल शुरू की थी। इनमें 60 मिनट के लिए सभी लाइट बंद करने की अपील की थी। धीरे-धीरे यह पूरे विश्व में मनाया जाने लगा। 2019 में यह अर्थ आॅवर के तौर पर स्वीकार किया जाने लगा। इसमें दुनिया के 187 देशों के सात हजार से अधिक शहर शामिल हुए। यह एक बड़ा अभियान बना। 28 मार्च को यह पहल सिडनी से शुरू की गई थी। इसके तहत धरती के बचाने की मुहिम के तहत लोगों ने सभी गैरजरूरी बिजली उपकरण बंद लिए गए थे।