लाल किला विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए नमूनों के डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई है कि डॉ. उमर नबी उस कार को चला रहा था जिसमें विस्फोट हुआ था। दिल्ली के लाल किला विस्फोट मामले से जुड़ी एक संदिग्ध लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट कार का पता लगा लिया गया है और इसे फरीदाबाद जिले के खंदावली में जब्त कर लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार डॉ. उमर नबी के नाम पर रजिस्टर है जो विस्फोट से पहले कथित तौर पर हुंडई i20 चला रहा था। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली विस्फोट मामले के आरोपी डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल की डायरियां बरामद की हैं, जिनमें 8 से 12 नवंबर की तारीखें दर्ज हैं। इससे संकेत मिलता है कि उस दौरान ऐसी घटना की योजना बनाई जा रही थी।

सूत्रों के अनुसार, डायरी में लगभग 25 व्यक्तियों के नाम भी थे, जिनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के रहने वाले थे। डायरियों से मिली जानकारी के अनुसार यह कहा जा सकता है कि यह विस्फोट एक सुनियोजित साजिश के तहत किया जाना था। ये डायरियां मंगलवार और बुधवार को डॉ. उमर के कमरा नंबर चार और मुजम्मिल के कमरा नंबर 13 से बरामद की गईं।

Red Fort Blast: बरामद की गयी डायरियों में लिखे कोड वर्ड

इसके अतिरिक्त, पुलिस ने मुजम्मिल के कमरे से एक डायरी बरामद की, यह वही स्थान है जहां उन्होंने अल-फलाह विश्वविद्यालय से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर स्थित धौज में 360 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया था। डायरियों में कोड वर्ड लिखे थे, जिन्हें जाँचकर्ता अब जोड़ रहे हैं। एजेंसियाँ यह भी जाँच कर रही हैं कि क्या धमाकों के लिए अलग-अलग गाड़ियाँ तैयार की जा रही थीं।

सूत्रों के अनुसार, आई20 और इकोस्पोर्ट के बाद, पता चला कि संदिग्ध लोग विस्फोट के लिए दो और वाहन तैयार करने की योजना बना रहे थे ताकि लक्ष्य का विस्तार किया जा सके। जांच एजेंसियों ने गुरुवार को बताया कि लगभग आठ संदिग्ध कथित तौर पर चार स्थानों पर समन्वित विस्फोट करने की तैयारी कर रहे थे, जिनमें से प्रत्येक जोड़े को एक विशिष्ट लक्ष्य शहर सौंपा गया था।

उमर नबी ही चला रहा था कार, डीएनए टेस्ट से हुई पुष्टि

Delhi Blast: प्रारंभिक जांच में क्या आया सामने?

प्रारंभिक जाँच से संकेत मिलता है कि आरोपी समूह दो-दो करके जाने की योजना बना रहे थे, और हर एक समूह एक साथ कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लेकर हमला करने वाला था। जाँच के दायरे में आने वालों में लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉ. मुज़म्मिल, डॉ. अदील, डॉ. उमर और शाहीन जैसे पूर्व आतंकी मामलों से जुड़े लोग भी शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस कई भारतीय शहरों में सिलसिलेवार विस्फोट करने की एक बड़ी आतंकी साजिश को विफल करने में सफल रही। सूत्रों ने खुलासा किया कि आरोपियों ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए थे, जिसे उमर को परिचालन खर्च के लिए सौंप दिया गया था। इस धनराशि का इस्तेमाल कथित तौर पर गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से लगभग 3 लाख रुपये मूल्य का 20 क्विंटल एनपीके उर्वरक (एनपीके उर्वरक नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी), और पोटेशियम (के) का मिश्रण है और इसका इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री निकालने के लिए किया जा सकता है) खरीदने के लिए किया गया था, जिसका उद्देश्य आईईडी तैयार करना था।

जांचकर्ताओं ने यह भी खुलासा किया है कि उमर ने गतिविधियों को सुरक्षित रूप से समन्वयित करने के लिए दो से चार सदस्यों वाला एक सिग्नल ऐप समूह बनाया था। जांच एजेंसियां ​​व्यापक नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं, उन्हें संदेह है कि आरोपियों ने निकट भविष्य में हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी।

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