दिल्ली में मंगलवार को हवा जहरीली रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार सुबह नौ बजे दिल्ली का एक्यूआई 340 रहा जो सोमवार सुबह नौ बजे 301 था। इस बीच दिल्ली के सबसे व्यस्त और प्रदूषित इलाकों में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें बढ़ते प्रदूषण से क्या-क्या समस्याएं हो रहीं हैं और वायु प्रदूषण कैसे उनकी हेल्थ पर असर डाल रहा है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के 5 अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कैसे वो कालिंदी कुंज, फरीदाबाद सिग्नल, नोएडा, दिल्ली के प्रदूषण में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। 1991 से पुलिस बल में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जब मैं लंबे समय तक मास्क पहनता हूं तो मुझे घुटन महसूस होती है। सबसे कठिन ड्यूटी यहीं की है।”
दिल्ली की प्रदूषित हवा कैसे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही
नवंबर के अधिकांश दिनों में दिल्ली की हवा कई दिनों तक ‘बहुत खराब’ रही जिसमें AQI 300 से अधिक रहा। प्रदूषण नियंत्रण उपायों के हिस्से के रूप में, सरकारी और निजी कार्यालयों को सलाह दी गई थी कि वे काम के घंटों को अलग-अलग करें और अपने आधे कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से घर से काम (WFH) लागू करें। लेकिन, इन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए घर से काम करना संभव नहीं है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि खराब हवा ने उनके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, “पिछले दो सालों में मेरी वार्षिक जांच के दौरान, सीटी स्कैन में मेरे फेफड़ों में काले धब्बे दिखाई दिए। मेरा बेटा मुझसे नौकरी छोड़ने के लिए कह रहा है लेकिन मैं कैसे छोड़ दूँ?”
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डॉक्टर ने पुलिसकर्मी को दी ताजी हवा में सांस लेने की सलाह
वरिष्ठ अधिकारी नवंबर 2021 से ट्रैफिक पुलिस विभाग में कार्यरत हैं उन्होंने बताया कि पिछले साल जब डॉक्टर ने उन्हें ताजी हवा में सांस लेने की सलाह दी तो वे अपनी बहन से मिलने के लिए हिमाचल प्रदेश के सोलन में 15 दिनों की यात्रा पर चले गए। उनका कहना है, “वहां मुझे हल्कापन महसूस हुआ, हवा साफ़ थी और मेरी सारी परेशानियां गायब हो गईं। मन करता है वहां ही बस जाऊं।” उन्होंने बताया, “डॉक्टर ने दवा नहीं लिखी, उन्होंने मुझे संक्रमण दूर करने के लिए मास्क पहनने और काढ़ा पीने को कहा और प्रदूषित हवा से दूर रहने की सलाह दी। लेकिन, ये रोज़-रोज़ कैसे संभव है? प्रदूषण के कारण दिल्लीवासियों की आयु निश्चित रूप से कम हो जाएगी।”
ऐसे ही एक अधिकारी जिन्होंने पुलिस बल में 39 वर्ष सेवा की है जिसमें से तीन वर्ष यातायात पुलिस में हैं, खांसी और गले में दर्द की शिकायत करते हैं। उन्होंने बताया, “मुझे बहुत खांसी आती है, मास्क के साथ या उसके बिना। शाम को जब प्रदूषण चरम पर होता है तो मेरी आँखों में खुजली होने लगती है। यह ट्रैफ़िक पॉइंट बाकी जगहों से बस थोड़ा ही ज़्यादा खराब है। अगर कोई गाड़ी फँस जाए तो कम से कम दो घंटे तक नहीं चलती।”
प्रदूषण पर दिल्ली यातायात के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने क्या कहा?
दिल्ली यातायात के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार गुप्ता ने कहा कि जंक्शन पर भीड़भाड़ कम करने के लिए उन्होंने अगस्त में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पत्र लिखकर खादर पुलिया से नोएडा और नोएडा से नोएडा तक दो-तरफा फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव दिया था। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त गुप्ता ने बताया कि एनएचएआई ने पत्र लिखकर कहा है कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसके अनुसार निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि जंक्शन पर कुछ उपाय किए जा रहे हैं जैसे स्लैब और खंभे हटाकर खादर पुलिया की ओर सड़क को चौड़ा करना, नोएडा पुलिस के साथ गलत साइड ड्राइविंग को रोकना और पीयूसीसी उल्लंघनों सहित लगातार चालान जारी करना।
