RJD chief Lalu Prasad Yadav: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने लालू की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है।
लैंड फॉर जॉब घोटाले का मामला तब का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस दौरान कई उम्मीदवारों को जमीन के बदले नौकरियां दी गई थीं।
अदालत ने आरजेडी प्रमुख की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह मामला पहले से ही स्पेशल जज की अदालत में बहस के लिए लिस्टेड है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट के सामने अपनी दलील रखने की पूरी आजादी है। अदालत ने कहा कि इस मामले में दखल देने की कोई ठोस वजह नहीं है और इसके बाद कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
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सीबीआई ने क्या आरोप लगाए?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 के दौरान रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले लालू प्रसाद यादव ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनों की संपत्ति के ट्रांसफर के रूप में आर्थिक लाभ हासिल किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जमीनों का ट्रांसफर लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर हुआ था।
सीबीआई ने कहा था कि जिन लोगों को नौकरी दी गई थी उनके दस्तावेजों में गड़बड़ियां थी।
एजेंसी ने इस मामले में 30 सरकारी अधिकारियों समेत 78 लोगों को नामजद किया है। सीबीआई ने मई 2022 में लालू, उनके बेटों, बेटियों और राबड़ी देवी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।
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