दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कुणाल कामरा पर फ्लाइंग बैन लगाने के लिए डीजीसीए को फटकार लगाई। स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल ने दिसंबर में इंडिगो एयरलाइन के विमान में पत्रकार अर्णब गोस्वामी को घेर लिया था। मुंबई से लखनऊ जाने वाली फ्लाइट में उन्होंने अर्णब का मजाक उड़ाते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया था। इस घटना के बाद इंडिगो ने कामरा की यात्रा पर 6 महीने का बैन लगा दिया था। इंडिगो की कार्रवाई के बाद नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने अन्य एयरलाइंस से भी कामरा पर कार्रवाई की अपील की थी। एयर इंडिया, गो एयर और स्पाइसजेट ने इसके बाद अगली सूचना तक कामरा को ‘नो फ्लाइंग लिस्ट’ में रखने का ऐलान किया था।
इस कार्रवाई के खिलाफ कुणाल कामरा ने इंडिगो एयरलाइन को 25 लाख का नोटिस भेजा था। कामरा ने मांग की थी कि इंडिगो अपना सस्पेंशन वापस ले और उनसे बिना शर्त के माफी मांगे। हाईकोर्ट में कामरा के वकील ने कहा कि अलग-अलग एयरलाइंस ने उनके मुवक्किल पर बिना किसी जांच के ही बैन लगा दिया। यहां तक की विमान के पायलट ने भी इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।
जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई के दौरान डीजीसीए से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि उड्डयन विभाग को कामरा पर कोई भी कार्रवाई करने से पहले उनकी शिकायत देख लेनी चाहिए थी। हाईकोर्ट ने डीजीसीए को जवाब दाखिल करने के लिए गुरुवार तक का समय दिया। हालांकि, अभी कामरा पर लगे फ्लाइंग बैन को हटाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
कामरा ने अपनी सफाई में क्या कहा था: कुणाल कामरा ने 4 एयरलाइन कंपनियों द्वारा खुद को बैन किए जाने के बाद ट्विटर पर लिखा था, “मोदीजी मैं पैदल चल सकता हूं, या उस पर भी बैन है?” उन्होंने विस्तारा को टैग करते हुए लिखा, “अरे बैन कर ही दो यार। मैं आप पर कोई राय नहीं बनाऊंगा। मैं ड्राइव करके गोवा निकलने का प्लान बना रहा हूं। थोड़ा ब्रेक लेना भी बनता है।”
यह मेरे लिए जरा भी चौंकाने वाला नहीं है कि बोलने की आजादी के अपने अधिकार के इस्तेमाल के चलते 3 एयरलाइन ने मेरी विमान यात्रा पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। सच्चाई ये है कि मैंने किसी भी मौके पर बाधा नहीं पहुंचाई। विमान में सवार किसी यात्री की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला। अगर मैंने किसी को कुछ नुकसान पहुंचाया, तो वह है पत्रकार अर्णब गोस्वामी के अहम को।