कोरोना से अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान के लिए दिल्ली सरकार एक के बाद एक कड़े व बड़े फैसले ले रही है। ऐसे ही फैसले में एक बार फिर दिल्ली मंत्रिमंडल को एक हजार करोड़ तक की योजनाओं को पारित करने की शक्तियां दी गई हैं। इस बाबत हाल ही में दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया है। आदेश के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

कोरोना काल में सरकारी खजाने को हो रहे नुकसान को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया था कि एक करोड़ से अधिक की परियोजना सीधे मंत्रिमंडल की मंजूरी तक के लिए लाई जाएंगी। वैसे तकनीकी तौर पर सचिव व वित्त व्यय समिति के पास भी ऐसी शक्तियां होती हैं। लेकिन इन आदेशों में बदलाव करते हुए सचिवों की जगह यह शक्ति मंत्रिमंडल को दे दी गई थी। ये आदेश संयुक्त सचिव वीपी राजन ने जारी किया है।

इस व्यवस्था को दिल्ली सरकार ने अगस्त में भी लागू किया था। लेकिन सितंबर माह की शुरुआत में इन आदेशों को वापस ले लिया गया। अब फिर से एक ताजा आदेश जारी कर अधिकार मंत्रिमंडल ने लिए हैं। सरकार ने वेतन भत्ते, वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन, सरकारी वकीलों का वेतन, प्रचार निदेशालय का खर्च, अस्पतालों की लाउंडरी व किचन संबंधित बिल संबंधित फैसले तक मंत्रिमंडल के संज्ञान में लाने के आदेश दिए थे।

इनके काम काज जिम्मा बीते सप्ताह सचिवों को दे दिया था लेकिन फिर आदेश जारी कर मंत्रिमंडल तक इसकी जानकारी देनी होगी और भुगतान की अनुमति लेनी होगी। ये आदेश 30 सितंबर तक लागू रहेंगे। संबंधित विभागों को इन आदेशों की प्रति भेजी गई है।