केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने अपने तमाम अस्पतालों में कोरोना विषाणु से निपटने को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल सहित दिल्ली सरकार के सभी बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए पृथक केंद्र शुरू करने के साथ ही तमाम प्रतीक्षालय खाली करा लिए गए हैं। उत्तर रेलवे केंद्रीय अस्पताल ने कोरोना विषाणु से निपटने के लिए तैयारी कर ली है। सफदरजंग अस्पताल के सुपरस्पेशियलिटी केंद्र में कोरोना विषाणु के पुष्ट व संदिग्ध मरीजों को रखा गया है। कोरोना के बढ़ते हुए खतरे के मद्देनजर संभावित मामलों के लिए केंद्र के आरएमएल व सफदरजंग सहित करीब 25 अस्पताल में अलग वार्ड बनाए गए हैं।
सफदरजंग अस्पताल के सपुरस्पेशियलिटी केंद्र के तीसरे मंजिल से लेकर छठी मंजिल तक को कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखा गया है। इस हिस्से में लिफ्ट व सीढ़ियों का इस्तेमाल केवल इन्हीं मरीजों के लिए हो रहा है। दूसरे मरीजों को इस हिस्से में प्रवेश से अलग रखा गया है। यहां ड्यूटी दे रहे डाक्टरों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने वाले किट दिए गए हैं। इसे पहन कर ही कोई डाक्टर वार्ड में दाखिल होता है। ड्यूटी खत्म होने पर डाक्टरों को पूरी तरह से वायरस मुक्त करने के लिए भी इंतजाम किए गए हैं। सारे पहने गए गाउन व किट को उतार कर नष्ट कर दिया जाता है। इसके लिए उच्च क्षमता वाले इंसिनरेटर का उपयोग किया जा रहा है।
उत्तर रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में एक अलग वार्ड तैयार रखा गया है। इस वार्ड में आने वाले रोगियों और यहां के चिकित्सा सहायकों को भी रक्षात्मक डिस्पोजेबल ड्रैस किट उपलब्ध कराई गई है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के जरिए रेलवे कॉलोनियों, क्लबों, हेल्थ इकाइयों और बारात घरों में इस विषाणु के लक्षण और बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
प्रतीक्षा कक्ष भी कराए जा रहे खाली लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में अपातकालीन वार्ड के बगल में एक तंबू लगा कर कोरोना के संदिग्धों के इलाज का इंतजाम किया गया है। शुक्रवार को यहां के प्रसूति व महिला रोग विभाग के मरीजों के परिजनों के बैठने के लिए व दूसरे वार्डों में बने कुल तीन प्रतीक्षा कक्षों को खाली करा लिया गया है। इसी तरह पंत अस्पताल में भी परिजनों के प्रतीक्षा कक्ष खाली करा लिए गए है। सूत्रों के मुताबिक उन कक्षों की जरूरत पड़ने पर पृथक केंद्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। सभी अस्पतालों के चिकित्सकों के नाम व फोन नंबर की सूची तैयार करके तमाम अस्पतालों व दूसरे वार्डों को दी गई है ताकि संदिग्ध की तुरंत मदद की जा सके। इसके अलावा 24 घंटे का हेल्पलाइन नंबर शुरू कि या गया है।

