घर-घर पिज्जा देने वाले लड़के (पिज्जा बॉय), राशन दुकादार, पुलिस कर्मचारी और डाक्टरों में कोरोना संक्रमण के बाद दिल्ली सरकार के कर्मचारियों में भी संक्रमण का खौफ है। खुले मैदान में लोगों के संपर्क में आ रहे और एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हंै। इन कर्मचारियों को घर से दफ्तर व दफ्तर से घर तक जाने के लिए मुसीबतें उठानी पड़ रही हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बसें तो नहीं मिलती लेकिन निलंबित करने की धमकियां उन्हें मिल रही हैं।

ये कर्मचारी कोरोना संक्रमण के बाद से ही लोगों तक खाना, राशन व अन्य जरूरी सेवा पहुंचाने के काम में डटे हैं। ये शिकायतें दिल्ली सरकार वेलफेयर एसोसिएशन को की गई है। कर्मचारी इस गंभीर संकट में सेवा देना चाहते हैं लेकिन एक जिले से दूसरे जिले तक बस सेवा प्रबंध करने की मांग कर रहे हंै। एसोसिएशन के महासचिव उमेश बत्रा बताते हैं कि सरकारी कर्मचारियों से दिल्ली भर से ऐसी 50 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हंै। इन शिकायतों के संबंध में दिल्ली सरकार को पत्र लिखा गया है ताकि खराब प्रबंधन को ठीक किया जा सके। उन्होंने कहा कि ये कर्मचारी एलडीसी व अन्य रैंक पर काम करते हैं और परिवहन सेवा के लिए केवल बस व मेट्रो पर निर्भर हैं।

एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संक्रमण के खिलाफ एकांतवास में लड़ाई रहे लोगों को पता है कि वे कोराना संक्रमण के शिकार हैं और उन्हें एक निश्चित दूरी बनाकर अकेले रखा गया है। लेकिन हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं होती। मंत्रालय खुद अपनी रिपोर्ट में एक और संक्रमण की बात बता चुका है। जिसमें खांसी, जुकाम या बुखार के भी संक्रमण होने क लक्षण मिले हैं। यह अब सभी को डरा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार हमें बस की सेवा तो नहीं देती लेकिन निलंबित करने की धमकियां जरूर देती है।

उमेश बत्रा ने बताया कि यह सिविल क्लर्क और स्टेनो कर्मचारियों और निचले स्तर की परीक्षा की घड़ी है। कोरोना संक्रमण के बाद एक तिहाई स्टाफ ही बुलाया जा रहा है। अधिकारियों के निजी स्टाफ में कोई कटौती नहीं की गई।

सामान्य तौर पर 50 फीसद कार्यालय से बाहर जाकर करना था और 50 फीसद कार्यालय में बैठकर। अब कोरोना काल में मंडल अधिकारी का 75 फीसद समय कार्यालय से बाहर ही गुजरता है। आपदा प्रबंधन में जो कर्मचारी लगाए गए हैं, उनको उनके घर से दूर पोस्टिंग दी गई है। 10-20 किलोमीटर चलकर केंद्र पर जाना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त 50 साल से अधिक आयु वालों को भी ड्यूटी दी जा रही है।

अस्पताल को दान में दिए गए 400 पीपीई किट
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्वामी दयानंद सरस्वती अस्पताल को दान में 400 पीपीई किट और 200 विषाणुनाशक द्रव्य मिले हैं। कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मवीरों की मदद के लिए पूर्वी दिल्ली की महापौर अंजू कमलकांत और स्थायी समिति अध्यक्ष संदीप कपूर ने बुधवार को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के दिलशाद गार्डन स्थित स्वामी दयानंद सरस्वती अस्पताल (एसडीएन) को 400 पीपीई किट और 200 विषाणुनाशक द्रव्य दिए। यह सब विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली प्रांत द्वारा दान में दिए गए हैं।

पुलिस कर रही ड्रोन से निगरानी
कोरोना विषाणु के मामलोंं पर रोक लगाने के लिए पूर्णबंदी का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर है। पुलिस धरती कोरोना के संवेदनशील क्षेत्रों की लगातार निगरानी कर रही है। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने दक्षिणपुरी और मदनगीर इलाकों में बुधवार को ड्रोन से निगरानी की। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दक्षिणपुरी और मदनगीर इलाके में ड्रोन की मदद से की।