भाजपा के ‘डबल इंजन’ मॉडल को नई धार देते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली को पूंजी निवेश में बड़ा सहारा देने की तैयारी कर ली है। ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता’ योजना के तहत अब राजधानी दिल्ली को भी केंद्र से अतिरिक्त धनराशि मिलने जा रही है। यह योजना केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में उस समय शुरू की थी, जब कोविड महामारी के कारण राज्यों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया था। इसके तहत केंद्र सरकार राज्यों को 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण देती है ताकि वे अपने बुनियादी ढांचे की परियोजनाएं, जैसे सड़कें, फ्लाईओवर, पुल, अस्पताल भवन, पर्यटन स्थलों का विकास आदि, को पूरा कर सकें।

अब केंद्र शासित प्रदेशों को भी योजना में किया गया शामिल

एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि अब केंद्र ने यह निर्णय लिया है कि इस योजना के तहत केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल किया जाएगा। सूत्र ने कहा, “हमें इस बारे में केंद्र सरकार से सूचना मिल चुकी है। जैसे ही दिशा-निर्देश जारी होंगे, वित्त विभाग सभी विभागों से प्रस्ताव मांगेगा।”

इन प्रस्तावों में यह स्पष्ट करना होगा कि परियोजना नई है या पहले से जारी, कितने प्रतिशत काम हो चुका है, बकाया बिल कितने हैं (यदि कोई हैं), कुल पूंजीगत व्यय कितना है, कार्य पूरा होने में कितना समय लगेगा और कौन सी एजेंसी उसे क्रियान्वित करेगी। इसके अलावा, विभागों को प्रत्येक प्रस्ताव के आर्थिक औचित्य का संक्षिप्त विवरण भी देना होगा, यानी यह साबित करना होगा कि वह परियोजना क्यों जरूरी है और इससे क्या लाभ होंगे।

फिर सभी विभागों से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद, वित्त विभाग उनमें से लगभग तीन प्रमुख परियोजनाओं या प्रस्तावों का चयन करेगा और उन्हें केंद्र सरकार को भेजेगा। इन परियोजनाओं की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) भी संलग्न की जाएगी ताकि रिकॉर्ड पूरा रहे।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से दिल्ली को बड़ा लाभ मिल सकता है क्योंकि यह एक ऐसा ऋण है जिस पर पचास वर्षों तक कोई ब्याज नहीं देना होगा। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का बजट घोषित किया है और उसे इसके लिए राजस्व सृजन करना होगा। ऐसे में हर साल मिलने वाला यह ब्याजमुक्त लोन बड़ी परियोजनाओं के लिए एक फाइनेंशियल इंजन की तरह काम करेगा, जिससे अंततः सरकार की आमदनी भी बढ़ेगी।

इस बीच, एक सूत्र ने बताया कि ऋण राशि की अधिकतम सीमा तय होगी। सूत्रों ने कहा, “हमें पूंजी निवेश परियोजनाओं के लिए इस विशेष सहायता के माध्यम से 600 से 700 करोड़ रुपये के प्रावधान की उम्मीद है। इसके अलावा, दिल्ली को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से भी वित्तीय सहायता मिलने की संभावना है।”

2025-26 के लिए अपना पहला बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की घोषणा की, जिन्हें सरकार केंद्र के सहयोग से लागू करना चाहती है। उदाहरण के लिए, उन्होंने केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) और शहरी विकास निधि (यूडीएफ) के तहत उपलब्ध धन के माध्यम से बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू करने की बात कही, जिससे एनसीआर क्षेत्रों के साथ दिल्ली की कनेक्टिविटी में सुधार हो सके। इसके लिए उन्होंने 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही, केंद्र द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए योजना विभाग के तहत भी 1,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली, जल और सीवरेज बुनियादी ढांचे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए केंद्र सरकार से 2,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मांग करेगी।