जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला ने सोमवार (20 अगस्त) को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में आयोजित प्रार्थना सभा में भारत माता की जय के नारे लगाए। उन्होंने पूर्व पीएम वाजपेयी को दिलों का मालिक बताया। फारूक अबदुल्ला ने यहां तक कहा, ”वो वजीर-ए-आजम नहीं, हिन्दुस्तान के दिलों के मालिक थे, उनका दिल बड़ा था, उनके जैसा दिल किसी का नहीं है।” समाचार एजेंसी एएनआई के द्वारा ट्वीट किए गए करीब सवा मिनट के एक वीडियो में वह पूर्व पीएम की याद में बेहद भावुक संवाद करते हुए दिखाई देते हैं। वह कहते दिखाई देते हैं, ”भारत वासियों अगर अटल को याद रखना है तो उस देश को बनाओ जिसमें प्रेम इतना हो कि दुनिया झुकने आ जाए इस देश के सामने कि ये देश है जो प्रेम बांटता है, उस प्रेम को बांटिए, वही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि जो होगी, अटल बिहारी वाजपेयी के लिए होगी। मुबारक है इस धरती को जिसने अटल को पैदा किया और मैं खुशी से कहता हूं.. मुझे भी उसने एक वक्त दिया कि मैं भी इस आदमी को समझ सका और अल्लाह से यही दुआ करता हूं कि मरते दम तक.. जब तक जिंदा हूं उन्हीं के रास्ते पे चलके इस देश को इतना मजबूत बनाऊं कि कोई इस देश को हिला नहीं सकता।”

फारूक अबदुल्ला ने यह कहते हुए सभा में मौजूद लोगों से भारत माता की जय के नारे लगवाए। पूर्व पीएम को लेकर की गई इस सर्वदलीय प्रार्थना सभा में पक्ष-विपक्ष समेत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और योगगुरू राम देव समेत तमाम दलों के नेताओं मे अपनी-अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह महान व्यक्ति थे लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए वह मसीहा से कम नहीं थे, वह पहले भारतीय नेता थे जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों पर भरोसा किया था और जिन पर लोग भरोसा करते थे। वह वाजयेपी ही थे जो पाकिस्तान गए और मुशर्रफ साहब से कहा था कि वह आतंकवाद के लिए जम्मू-कश्मीर की जमीन इस्तेमाल न करें।”

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, अगर आप निश्चित शब्दों की परिभाषा देखें तो आपको शब्दकोश में देखना होगा लेकिन एक शब्द आपको शब्दकोश में देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी.. अगर आप उनके चेहरे को देखें तो आप ‘धर्म निरपेक्ष’ शब्द का मतलब समझ जाएंगे। प्रार्थना सभा में वाजपेयी को लेकर सभी दल एक नजर आए।