दिल्ली में बाढ़ की स्थिति गहरा गई है। राजधानी के कई निचले इलाकों में पानी मुख्य सड़कों पर आ गया है। घर, सड़क, बाजार से लेकर कई सार्वजनिक स्थल, अस्पताल, श्मशान घाट एवं आश्रय गृह जलमग्न हो गये हैं। इसकी वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने से राजधानी में सप्लाई की भी समस्या आ गई है।

पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने का आह्वान

दिल्ली में यमुना नदी में बाढ़ को लेकर एक स्थानीय शख्स ने कहा कि उन्होंने ऐसी बाढ़ 5 साल की उम्र में 1978 में देखा था। तब वह ट्रक के ऊपर यहां बाढ़ देखने आए थे। अब वह पचास साल के हो गये हैं। उसके बाद से ऐसे हालात अब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान उन लोगों की रक्षा करे और उनकी परेशानी दूर करें जो लोग इस विपदा में फंसे हैं और जिनके घर, दुकान और खेत डूब गये हैं। उन्होंने सरकार से भी मांग की कि वह आम जनता की ओर ध्यान दें। काफी परेशान हो रहे हैं। कई लोगों को अलर्ट कर दिया गया था कि पानी आने वाला है और कई अन्य लोगों को नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि आम जनता को भी चाहिए कि एक दूसरे की मदद करें।

इस बीच भारतीय पुरातत्व विभाग ने कहा है कि भारी बारिश और बाढ़ का पानी आने की वजह से लाल किला 13 जुलाई की दोपहर से 14 जुलाई के पूरे दिन तक आम जनता और पर्यटकों के लिए बंद रहेगा।

यमुना का जलस्तर इस बार 45 साल पहले के सबसे अधिक स्तर को भी पार कर गया है। सचिवालय समेत दिल्ली में कई महत्वपूर्ण इलाकों में बृहस्पतिवार को पानी भर गया। प्रशासन बचाव एवं राहत प्रयासों को तेज करने की जुगत में लगे रहा। सचिवालय में मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों के कार्यालय हैं। कश्मीरी गेट बस टर्मिनल पर जलभराव के कारण दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं अन्य क्षेत्रों के लिए बसें रद्द करनी पड़ी है।

कई इलाकों के लोगों का कहना है कि परेशानी के बावजूद अपना घर छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। इससे प्रशासन के सामने राहत कार्य को सुचारू ढंग से संचालित करने में भी समस्या आ रही है। दिल्ली सरकार ने लोगों से धैर्य बनाए रखने का आह्वान किया है। सामाजिक संगठनों से भी लोगों की मदद के लिए आगे आने की अपील की गई है।