दिल्ली के मुकुंदपुर में तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई है। तीनों बच्चे नहाने के लिए मेट्रो कंस्ट्रक्शन साइट पर बने एक गड्ढे में कूद गए थे। ये हादसा दोपहर तीन बजे का बताया जा रहा है जब तीन बच्चे बाढ़ के पानी में कूद गए थे। अब बच्चे तो नहाने के लिए कूदे थे, लेकिन पानी इतना गहरा रहा कि बच्चे डूब गए। एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने छलांग लगा बच्चों को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन वो प्रयास फेल साबित हुआ।
दिल्ली में संकट बड़ा, राहत कब तक?
अब ये हादसा मायने रखता है क्योंकि इसकी जड़ वो जलभराव है जिससे पूरी दिल्ली परेशान चल रही है। क्या आईटीओ, क्या लाल किला और क्या सिविल लाइन, हर तरफ पानी ही पानी भरा पड़ा है। यमुना के जलस्तर में मामूली कमी तो आई है, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। एलजी की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ अहम बैठक हो चुकी है, साथ मिलकर काम करने पर जोर भी दिया गया है। लेकिन जमीन पर ज्यादा सुधार नहीं हुआ है।
अभी के लिए राहत शिवरों में कई लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है। यमुना के पास निचले इलाकों में जितने भी लोग थे, उन्हें वहां से जाने के आदेश पहले ही दे दिए गए थे। ऐसे में अब सभी के लिए पर्याप्त राशन पहुंच सके, सरकार के सामने ये चुनौती खड़ी हो चुकी है। इस मुद्दे को लेकर भी जमीन पर आप बनाम बीजेपी की लड़ाई जारी है। बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी पीड़ितों की मदद करने नहीं दे रही है।
जमीन पर क्या तैयारी?
वैसे दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने शुक्रवार को कहा कि यमुना के पानी के कारण राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के मद्देनजर निगमबोध घाट, गीता कॉलोनी, वजीराबाद और सरायकाले खां स्थित श्मशान घाट बंद कर दिये गये हैं। वहीं दूसरी तरफ SDM सीलमपुर शरत कुमार ने कहा कि जब तक पानी का स्तर स्थिर नहीं हो जाता है तब तक हमारी पूरी तैयारी पहले की तरह ही रहेगी… हमने अभी तक कई लोगों (850-900) को बाहर निकाल लिया है, इसके साथ ही मवेशियों को भी बाहर निकाला है। हमने कई बार जांच की है कि अगर कोई फंसा हो तो उसे बाहर निकाल लें मगर हमें नहीं लगता है कि अब कोई फंसा हुआ है। अभी तक हमारे पास किसी भी जनहानी की सूचना नहीं है