Delhi Government Formation : दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद से ही राजधानी की सियासत पूरी तरह गरमा चुकी है। आम आदमी पार्टी का सत्ता से जाना सारे समीकरण बदल गया है। अब तो बीजेपी को फैसला लेना है कि कौन अगला मुख्यमंत्री होने वाला है। रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं, कभी परवेश वर्मा का नाम आगे जाता है तो कभी विजय गोयल का भी जिक्र होता है, किसी महिला को सीएम बनाने की बात भी सामने आ जाती है। एक गुट तो पूर्वांचली सीएम की आस लगाए बैठा है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी में असमंजस की स्थिति चल रही है, दिल्ली गंवाने के बाद अब पंजाब पर सारा फोकस है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तो पंजाब के विधायकों की 11 फरवरी को एक मीटिंग भी बुलाई है। माना जा रहा है कि अब पंजाब की रणनीति पर काम होगा, वहां पर आम आदमी पार्टी के संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। पंजाब में आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती ज्यादा बड़ी इसलिए बन चुकी है क्योंकि खबर है कि कई विधायक बगावत भी कर सकते हैं। विपक्ष के नेता तो लगातार ऐसे दावे कर रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वह राजधानी की कमान एक महिला मुख्यमंत्री के हाथों में सौंप सकती है। सूत्रों के अनुसार, अगले मुख्यमंत्री का चयन नए विधायकों मिलकर करेंगे।
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर चल रही है कि दिल्ली की डिप्टी सीएम रेखा गुप्ता को बनाया जा सकता है। इसके अलावा परवेश वर्मा को भी डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है।
यमुना के मुद्दे पर बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को काफी घेरने का काम किया, अब उसी वजह से जनता ने आम आदमी पार्टी को ना चुनकर बीजेपी को मौका दिया। अब पार्टी का वादा है कि गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर दिल्ली में भी यमुना रिवर फ्रंट बनाया जाएगा।
दिल्ली में चुनावी नतीजों के बाद भी यमुना पर राजनीति जारी है। ऐसा दावा हुआ है कि जब आतिशी अपना इस्तीफा देने गईं, एलजी वीके सक्सेना ने कह दिया था कि यमुना मैया का शाप आप सरकार को लगा है।
परवेश वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री का फैसला बीजेपी हाईकमान को करना है। उन्होंने तो यहां तक कहा है कि उनकी कोई लालसा नहीं है और वे बीजेपी के एक सच्चे कार्यकर्ता हैं।
जानकार मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल अपनी सीट नई दिल्ली से इसलिए हार गए क्योंकि वे बुनियादी सुविधाएं वहां की जनता को नहीं दिलवा पाए। वे इसलिए भी हार गए क्योंकि मुद्दा पूरी तरह लोकल मुद्दों पर लड़ा गया और वहां बीजेपी उन पर भारी पड़ गई।
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा, “इसका सिर्फ एक कारण अरविंद केजरीवाल का अहंकार था। उन्होंने घोषणा कर दी कि हम कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे और सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दिल्ली चुनाव के नतीजों पर कहा कि दिल्ली की जीत एक बहुत बड़ी जीत है… लोगों ने विकास के लिए मतदान किया है… पीएम मोदी के नेतृत्व में यह बड़ी जीत हुई है… वे(INDIA गठबंधन) एक हो जाएं तो अच्छी बात है लेकिन अभी विपक्ष एक साथ आएगा ऐसा नहीं लगता है
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हार मिली है और हलचल पंजाब में तेज हो चुकी है। पंजबा में कल आप संयोयक अरविंद केजरीवाल ने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है, सीएम मान से भी वे मिलने वाले हैं।
दिल्ली में बीजेपी के पास कई सीएम दावेदार हैं। परवेश वर्मा, विजय गोयल, बासुरी स्वराज, मनोज तिवारी, वीरेंद्र सचदेवा जैसे नामों की चर्चा चल रही है। पार्टी किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है।
बीजेपी नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा कि विधानसभा के पहले सत्र में सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा।