दिल्ली की साकेत कोर्ट ने एक ऐसी याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एक शख्स ने अपनी पत्नी के परिवार पर जबरन दहेज देने का आरोप लगाया था। उसने मांग की थी कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। शख्स ने आरोप लगाया था कि मांगे बिना ही पत्नी के परिवार ने उसके अकाउंट में 70,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। इस मामले में क्या-क्या हुआ और कैसे हुआ, खबर में आगे जानिए।
क्या है मामला, कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट में याचिका दर्ज करने वाले इस शख्स का नाम राकेश कुमार है, जिसकी शादी 9 फरवरी, 2014 को लालसा नाम की महिला से हुई थी। जुलाई 2022 में निचली अदालत ने उसके इस मामले से जुड़े अनुरोध को खारिज कर दिया था। जिसके बाद वह साकेत कोर्ट में सत्र न्यायाधीश पास पहुंचा था और दहेज वाली बात दोहराई थी। उसने आरोप लगाया था कि कोई मांग किए बिना ही उसकी पत्नी के परिवार ने उसे 70,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए थे।
पत्नी के साथ क्रूरता का आरोप
मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 5 नवंबर को अपने आदेश में कहा कि राकेश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत अपनी पत्नी के साथ क्रूरता करने के आरोप में पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
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हालांकि राकेश कुमार ने अदालत को बताया कि शादी बहुत ही साधारण थी और उनसे दहेज की मांग नहीं की गई थी, लेकिन लालसा के परिवार ने दलील दी कि दबाव और धमकी के बाद ही नकदी सहित कई उपहार दिए गए थे। यहां तक की लड़की के परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि उसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए उन्हें उधार लेना पड़ा था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवजीत बुद्धिराजा ने कुमार की पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए कहा, “जब तक मुकदमे के दौरान दोनों पक्षों द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जाते, तब तक दहेज की मांग की गई थी या नहीं, इस पहलू पर प्रभावी ढंग से निर्णय नहीं लिया जा सकता है और