दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर हादसे से जुड़े मामले में तीस हजारी कोर्ट ने एसयूवी के ड्राइवर को जमानत दे दी है। ड्राइवर मनोज कथूरिया को 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की दुखद मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। एक दिन पहले ही कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उनके परिवार ने कई सवाल उठाए थे।
मनोज कथूरिया पर आरोप था कि उनकी कार की टक्कर से पानी तेज बहाव के साथ कोचिंग सेंटर के अंदर चला गया था, जहां तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हुई है। वह हादसे वाले दिन शाम 6:45 बजे, अपनी SUV को कोचिंग के सामने से लेकर निकले थे।
क्यों किया गया था गिरफ्तार?
कथूरिया पर पूरा मामला सिर्फ एक वीडियो से जुड़ा था। कोचिंग सेंटर के एक छात्र द्वारा कथित तौर पर बनाए गए वीडियो में कथूरिया पानी से भरी सड़क से गुजरते हुए देखा जा सकता है। जिसके बाद पानी के दबाव के कारण कोचिंग सेंटर का गेट गिर गया था। उनके वकील राकेश मल्होत्रा ने सोमवार को अदालत में दलील दी थी कि सड़क पर चलने से जुड़ा कोई प्रतिबंध नहीं था। गाड़ी की स्पीड सिर्फ 15 किलोमीटर प्रति घंटा थी जबकि पानी लगभग 2.5 फीट की ऊंचाई तक बढ़ गया था।
खारिज कर दी गई थी जमानत याचिका
तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार कोकोचिंग सेंटर के बेसमेंट के मालिकों परविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, हरविंदर सिंह, तेजिंदर सिंह और कार ड्राइवर मनोज कथूरिया की जमानत याचिका रद्द कर दी थी।
आरोपी मनुज कथूरिया की पत्नी शिमा कथूरिया ने कोर्ट के फैसले के बाद में कहा कि हम बहुत निराश हैं कि जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। लेकिन अब कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। पुलिस ने बताया था कि मनोज कथूरिया पर उन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जो शुरुआती एफआईआर में दर्ज थीं। जिनमें धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के अलावा भी कुछ धाराएं शामिल थीं।