दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधायकों की तनख्वाह में इजाफा कर दिया है। केंद्रीय प्रावधान के मुताबिक की गई बढ़ोतरी में अब विधायकों को 30 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। सीएम केजरीवाल की कैबिनेट ने इस आशय के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी देकर बढ़ी तनख्वाह पर मुहर लगा दी है।
हालांकि, बढ़ोतरी के बाद भी दिल्ली के विधायकों को अब भी सबसे कम वेतन यानि 30 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगा। इसमें 60 हजार रुपये के भत्तों को जोड़ दें तो यह 90 हजार रुपये महीना होगा। अभी सैलरी 12 हजार रुपये जबकि 42,000 रुपये भत्तों के रूप में मिल रहे थे। विधायकों की तनख्वाह के मामले में सबसे निचले पायदान पर केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजधानी दिल्ली है।
एमएलए के वेतन के मामले में तेलंगाना सबसे ऊपर है। वहां के विधायकों को हर महीने ढाई लाख रुपये वेतन-भत्ते मिलते हैं। तेलंगाना के अलावा विधायकों को प्रतिमाह 2 लाख से ज्यादा देने वाला दूसरा राज्य उत्तराखंड है। अधिकतर सूबों में एमएलए का वेतन 1 लाख से 2 लाख रुपये प्रतिमाह के बीच है।
Delhi Cabinet approves salary hike for MLAs as per Centre's proposal, Delhi MLAs will now get a salary of Rs 30,000 per month.
— ANI (@ANI) August 3, 2021
दिल्ली की तुलना में बाकी राज्यों में विधायकों को बेहतरीन पेमेंट मिलती है। तेलंगाना में विधायकों को 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह, उत्तराखंड में 2.04 लाख रुपये, हिमाचल प्रदेश में 1.90 लाख रुपये, हरियाणा में 1.55 लाख रुपये, बिहार में 1.35 लाख रुपये और राजस्थान में 1.42 लाख रुपये बतौर तनख्वाह विधायकों को दिए जा रहे हैं।
केंद्र को भेजे प्रस्ताव में दिल्ली सरकार ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में विधायकों को दिल्ली के विधायकों की तुलना में डेढ़ से ढाई गुना अधिक वेतन और भत्ता मिल रहा है। देश के अन्य राज्यों की तुलना में यहां पर सैलरी कम है, जबकि दिल्ली महंगा शहर है। हालांकि, केंद्र ने आप सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे प्रस्ताव में विधायकों को प्रतिमाह 2.10 लाख रुपये वेतन-भत्ता देने की सिफारिश की थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी। लेकिन केजरीवाल सरकार ने विधायकों की वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दे दी।