देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया, एयरपोर्ट के टर्मिनल वन की छत गिर गई जिस वजह से एक शख्स की मौत हुई और पांच लोग घायल हुए। उसे एक हादसे ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं- क्या सिर्फ एक बारिश की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ है या फिर किसी अधिकारी की इसमें लापरवाही भी शामिल है। अभी के लिए मृतक कैब ड्राइवर रमेश कुमार के घर में मातम पसर चुका है, उनका परिवार पूरी तरह टूट चुका है। उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि उनके घर के सदस्य अब इस दुनिया में नहीं रहे। रमेश की उम्र सिर्फ 45 साल थी और वे घर में अकेले कमाने वाले थे।
मृतक के बेटे ने क्या बताया?
मीडिया चैनल आज तक ने रमेश के बेटे और उनके भाई से बातचीत की है। रमेश की बेटे ने बताया कि सुबह 8:30 बजे उन्हें इस बात की सूचना दी गई थी कि उनके पिता के साथ एक हादसा हो गया। वे आनंन-फानन में अस्पताल के लिए निकले, लेकिन सड़क पर ट्रैफिक जाम इतना ज्यादा था कि काफी देर बाद वे लोग अस्पताल तक पहुंच पाए।
अस्पताल पहुंचने के बाद रमेश के बेटे के मुताबिक उन्हें अपने पिता की बॉडी देखने तक का मौका नहीं मिला। उन्हें 2 घंटे तक इंतजार करवाया गया। रमेश ने इस बात की भी जानकारी दी कि उनके भाई ने देर रात 3:00 बजे पिता से आखरी बार बात की थी। तब उन्होंने बताया था कि वे फरीदाबाद से सवारी लेकर एयरपोर्ट गए थे।
पुलिस ने क्या एक्शन लिया?
अभी के लिए रमेश का बेटा सरकार से मुआवजे की मांग कर रहा है, एक सरकारी नौकरी भी चाहता है। उसका जोर देकर कहना है कि घर पर कोई दूसरा कमाने वाला नहीं था, उसके पिता के पैसों के जरिए ही घर चल पा रहा था। इस मामले की बात करें तो दिल्ली पुलिस भी एक्शन में आ चुकी है। उसकी तरफ से अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, बताया जा रहा है कि आईपीसी की धारा 304ए, 337 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।