भारतीय रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने और विदेशी खर्च को काफी कम करने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय नौसेना के लिए आठ नेक्स्ट जेनरेशन के कोरवेट, पहिएदार बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों और सैन्य उपकरणों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भारतीय सेना के लिए पुल बिछाने वाले टैंक और भारतीय वायु सेना के Su-30 MKI लड़ाकू विमान के लिए एयरो-इंजन के निर्माण को भी मंजूरी मिल गई है।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारीयों ने बताया, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक आज हुई। डीएसी द्वारा बाई इंडियन और बाय एंड मेक इंडियन कैटेगरी के तहत सशस्त्र बलों के 76,390 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई। भारतीय सेना के लिए डीएसी ने रफ टेरेन फोर्क लिफ्ट ट्रक, ब्रिज बिछाने वाले टैंक, स्वदेशी स्रोतों के माध्यम से टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों और हथियार का पता लगाने वाले रडार के साथ बख्तरबंद लड़ाकू वाहन को खरीदने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी है।”
साथ ही रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया, “भारतीय नौसेना के लिए DAC ने 36,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर अगली पीढ़ी के कार्वेट (NGC) की खरीद के लिए स्वीकृति प्रदान किया है। एनजीसी का निर्माण भारतीय नौसेना के नए इन-हाउस डिजाइन के आधार पर जहाज निर्माण की नवीनतम तकनीक का उपयोग करके किया जाएगा। डीएसी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डोर्नियर एयरक्राफ्ट और एसयू -30 एमकेआई एयरो-इंजन के निर्माण के लिए एओएन को विशेष रूप से एयरो-इंजन सामग्री में स्वदेशीकरण बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।”
रक्षा क्षेत्र में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए सरकार के दृष्टिकोण से बाय इंडियन श्रेणी के तहत डिजिटल तटरक्षक परियोजना को डीएसी द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस परियोजना के तहत तटरक्षक बल में विभिन्न सतह और विमानन संचालन, रसद, वित्त और मानव संसाधन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के लिए एक अखिल भारतीय सुरक्षित नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य उपकरणों की खरीद पर कहा कि इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “इन फैसलों से भारतीय रक्षा उद्योग को मदद मिलेगी और देश के लिए विदेशी मुद्रा पर पैसे की बचत होगी।”