रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में बढ़ते बलात्कार के मामलों पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकारी एजेंसियां महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगा सकती। इसके पीछे तर्क देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरह के अपराध अधिकतर दोस्तों या परिवार के लोगों द्वारा ही किए जा रहे हैं, ऐसे में सरकारी एजेंसियां क्या कर सकती हैं? सोमवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बातें कहीं। बलात्कार के बढ़ते मामलों के लिए महिलाओं के कपड़ों को जिम्मेदार ठहराने के तर्क को पूरी तरह से खारिज करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर ऐसा होता तो फिर बुजुर्गों के साथ बलात्कार क्यों होते हैं? या फिर बच्चों के साथ बलात्कार क्यों होते हैं?

रक्षा मंत्री ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध सड़कों पर नहीं बल्कि उनके घरों में हो रहे हैं। ऐसे में सरकारी एजेंसियां और महिलाओं के लिए गठित किए गए कमीशन को इस तरह के अपराधों को रोक नहीं पा रही हैं। देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब बलात्कार की कई घटनाओं से देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। बीते दिनों कठुआ गैंगरेप को लेकर पूरे देश में एक उबाल देखा गया था, जिसके बाद सरकार 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार करने पर फांसी की सजा देने का अध्यादेश लेकर आयी थी। साथ ही बलात्कार के अन्य मामलों में भी कड़ी सजा देने का प्रावधान किया गया था।

हालांकि कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बलात्कार के दोषियों को कड़ी सजा देने को ही काफी नहीं माना है। लोगों का कहना है कि देश में यौन शोषण के मामलों में आरोपी को दोषी ठहराए जाने की दर बेहद कम है। इसके साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा देने से भी इस तरह के अपराधों में कमी नहीं आएगी।