नियंत्रण रेखा के पार लक्ष्यभेदी हमले (सर्जिकल स्ट्राइक) के दो दिन बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज पाकिस्तान की हालत की तुलना सर्जरी के बाद ‘‘बेहोशी में पड़े रोगी’’ से की और कहा कि ‘‘यदि आप हमें दर्द देंगे तो इस देश के सैन्यबल आपको वही दर्द देने में सक्षम हैं।’ इस कार्रवाई के बाद अपने पहले बयान में पर्रिकर ने कहा कि भारत शांति को पसंद करता है और बिना उकसावे के हमले में विश्वास नहीं करता लेकिन वह आतंकवाद को स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी लांच पैडों पर इस लक्षित हमले का उद्देश्य पाकिस्तान को संदेश देना था कि भारत के सैनिक पलटवार करना जानते हैं। पर्रिकर ने पौड़ी जिले के पीठसेन में सभा में कहा, ‘‘लक्षित हमले के बाद पाकिस्तान की हालत सर्जरी के बाद बेहोश रोगी की तरह है जिसे नहीं मालूम कि उसकी सर्जरी हो चुकी है। लक्षित हमले के दो दिन बाद भी पाकिस्तान को नहीं पता कि क्या हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप हमें पीड़ा देना चाहते हैं तो इस देश की सेना, इस देश के लोग आपको भी पीड़ा देने में समर्थ हैं।’’

उन्होंने उरी हमला करने वाले दुश्मनों के गाल पर तमाचा जड़ने के लिए विशेष पैरा बल की सराहना करते हुए कहा, ‘‘हम दूसरों पर राज नहीं करते, पर अपमान नहीं सहेंगे और इसके बाद तो कतई नहीं। ’’ लक्षित हमले को आतंकवाद निरोधक अभियान करार देते हुए पर्रिकर ने सेना की तुलना हनुमान से की और उन्होंने रामायण का जिक्र किया जिसमें हनुमान को जामवंत द्वारा उनकी असाधारण शक्तियों के बारे में याद दिलाने पर वह समुद्र लांघ गए। पर्रिकर ने कहा, ‘‘भारतीय सेना हनुमान की तरह है जो लक्ष्यभेदी हमले से पहले अपनी ताकत के बारे में नहीं जानती थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस हमले से हमारे सैनिकों को उनकी क्षमता का अंदाजा लगा। हमले के बाद पाकिस्तान किंकर्तव्यविमूढ़ है और समझ नहीं पा रहा है कि क्या प्रतिक्रिया दे।’’

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