डेयरी के सामान्य प्रबंधक ने कहा, सपा नेताओं को मुफ्त में दूध, घी नहीं पहुंचाने की मिली सजा सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के नेताओं को दूध, दही, घी, मक्खन न पहुंचाना अयोध्या के पास साकेत पराग डेयरी के सामान्य प्रबंधक जेपी त्रिपाठी को भारी पड़ गया।
जेपी त्रिपाठी 33 रुपए गबन के आरोप में गिरफ्तार हो गए हैं जिन्हें सीजेएम फैजाबाद की अदालत से तत्काल जमानत मिल गई है। पिछले बुधवार को पड़ोसी जनपद से विधायक प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री राम मूर्ति वर्मा ने पूरे लाव-लश्कर के साथ साकेत पराग डेयरी अयोध्या पर छापा डाला और साथ आए अफसरों को जांच में जुटा दिया।
अफसरों ने कई घंटे तक जांच पड़ताल करके 33 रुपए गबन को खोज निकाला और सामान्य प्रबंधक जेपी त्रिपाठी को पुलिस हिरासत में लेकर अयोध्या कोतवाली भेज दिया गया। मामले की एफआइआर दुग्ध विकास अधिकारी से करवाई गई जिसमें धारा 406 मादवि का ही मुकदमा बना।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके सामान्य प्रबंधक को गिरफ्तार करके दूसरे दिन सीजेएम फैजाबाद की अदालत में पेश किया जहां से जमानत पर सामान्य प्रबंधक रिहा कर दिए गए।
सामान्य प्रबंधक जेपी त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि विभागीय मंत्री राम मूर्ति वर्मा अपने पांच लोगों को डेयरी में नौकरी दिलाने के लिए बराबर दबाव डाल रहे थे। उनका काम नहीं किया तो नाराज होकर यह छापा डालने का नाटक कर मुझे जेल भिजवाया है। 33 रुपए का गबन बताना भी गलत है। सामान्य प्रबंधक का यह भी कहना है कि सपा नेताओं का मुफ्त दूध, घी, मक्खन, पनीर मेरे यहां नियुक्त होने के बाद से बंद करवा दिया गया था जिससे कुछ नेता नाराज थे और साजिश करके छापा डलवाया है।
सामान्य प्रबंधक का यह भी कहना है कि मेरा निलंबन प्रमुख सचिव दुग्ध विकास द्वारा ही किया जाना चाहिए। मंत्री जी को सीधे निलंबित करने का कोई अधिकार नही है। मैं संपूर्ण तथ्यों के साथ प्रदेश शासन और विभागीय अफसरों को पत्र लिखूंगा।
वहीं मंत्री राम मूर्ति वर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर डेयरी पर छापा मारा गया है। दूध में फैट की मात्रा से लेकर कर्मचारियों के वेतन तक में अनियमितता पाई गई थी। विभाग की छवि खराब करने की भी कोशिश हो रही थी। ऐसे में कार्रवाई तो होनी ही थी। मंत्री ने सामान्य प्रबंधकों के आरोपों को खारिज कर दिया।