केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा की घटना में कथित तौर पर अहम भूमिका निभाने वाले अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को उन्हें यहां की एक अदालत ने सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। इसको लेकर ‘इंडिया टुडे’ चैनल के एक शो पर डिबेट हो रही थी। इस दौरान एक किसान नेता ने दीप सिद्धू का बचाव किया और कहा कि एक बार भी खालिस्तान का नाम नहीं लिया।
एंकर ने कहा कि पहले भी कई बार वह कह चुका था कि वह खालिस्तानी सिम्पेथाइजर है। इसपर किसान नेता रविंदर चीमा ने कहा “नहीं, ऐसा उन्होने कभी नहीं कहा।” चीमा ने कहा कि अबतक किसी बात की पूरी जानकारी न हो नहीं कहना चाहिए। जहां तक खालिस्तान की बात है। लाल किले पर दीप सिद्धू या किसी भी किसान आंदोलकारी ने खालिस्तान का नाम नहीं किया। किसी ने खालिस्तान का झंडा नहीं लगाया, जो झंडा लगाया गया था वह निशान साहिब का था, जो गुरुद्वारे में लगता है।
चीमा ने कहा “राजनाथ जी भी जब जवानों के पास जाते हैं तो उनकी गाड़ी पर भी यह झंडा लगा होता है। वहीं एक अन्य किसान नेता धर्मिन्दर मालिक ने कहा “लाल किले में कोई एक जाता है तो पीछे-पीछे बहुत से लोग चले जाते हैं। भीड़ को कौन रोक सकता है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के समय क्या मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी भीज को हिंसा करने से रोक पाये थे। भीड़ नियंत्रित नहीं होती।”
बता दें पुलिस ने दीप सिद्धू पर आरोप लगाया कि 26 जनवरी को लाल किला हिंसा की घटनाओं को उन्होने ही भड़काया था। जिसके बाद शहर की एक अदालत ने उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने यह गिरफ्तारी की।
यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सिद्धू को सोमवार रात दस बज कर 40 मिनट पर करनाल बाइपास से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में भीड़ को उकसाने के संबंध में दर्ज एक मामले में उसकी तलाश थी। डीसीपी ने कहा, ‘‘अपराध शाखा उसकी भूमिका की विस्तार से जांच करेगी।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार लाल किला हिंसा के बाद सिद्धू सिंघू बार्डर के समीप कुंडली में एक होटल में गया था और फिर वहां से वह कार लेकर सोनीपत एवं करनाल होते पटियाला चला गया था। पुलिस के अनुसार वह कुंडली में एक होटल में ठहरा हुआ था।
अधिकारी का कहना है कि करीब 12-14 दिनों तक वह पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश में ठिकाना बदलता रहा और उसने 27 जनवरी को ही अपना मोबाइल बंद कर लिया था। अधिकारी के मुताबिक पांच-छह टीमें उसके पीछे लगायी गयी थीं और उसे तकनीकी निगरानी के आधार पर गिरफ्तार किया गया। विशेष प्रकोष्ठ ने ट्विटर पर दावा किया कि सिद्धू गणतंत्र दिवस हिंसा के पीछे ‘अहम खिलाड़ी’ था और जब वह कानून से छिप रहा था तब भी वह युवाओं को अपने भड़काऊ भाषण एवं स्टारडम से उकसा रहा था।