राफेल लड़ाकू विमानों की सौदेबाजी को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है। फ्रांसीसी कंपनी से मोल-भाव करने वाली भारतीय टीम (INT) ने अंतिम रिपोर्ट में यह बताया था कि एक समानांतर सौदेबाजी से भारत का पक्ष कमजोर हुआ। वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने द हिन्दू में लिखा है कि भारतीय टीम ने सौदे की बैंक गारंटी का प्रभाव 574 मिलियन यूरो (45,75,39,41,220 रुपये) आंका था। बैंक गारंटी न मिलने से 36 राफेल विमानों का सौदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के समय शुरू हुई सौदेबाजी की अनुमानित कीमत से 246.11 मिलियन यूरो (19,61,76,00,128 रुपये) महंगा हो गया। खबर के अनुसार, 21 जुलाई, 2016 को भारत की ओर से मोल-भाव करने वाली टीम ने रक्षा मंत्रालय को अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।
द हिन्दू ने “Report of the Indian Negotiating Team on Procurement of 36 Rafale Aircraft for Indian Air Force” के हवाले से लिखा है कि “बैंक गारंटी के प्रभाव को हटाकर 7878.98 मिलियन यूरो की अंतिम पेशकश (10.55 मिलियन यूरो की अतिरिक्त अनिवार्य हथियार सप्लाई के अलावा) मूल MMRCA (मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) प्रस्ताव की लागत (8205.87 मिलियन यूरो) से 327.89 मिलियन यूरो कम है।” रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि नए सौदे और मूल MMRCA प्रस्ताव की कीमतों की तुलना करते समय बैंक गारंटी की लोडिंग के प्रभाव को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया।
INT ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है कि उसने बैंक गारंटी की लागत 574 मिलियन यूरो कैसे आंकी। इसकी गणना “SBI द्वारा 2 मार्च 2016 की गई जानकारी के आधार पर, 2 प्रतिशत के वार्षिक बैंक कमीशन (एक भारतीय बैंक के कंफर्मेशन चार्जेस शामिल) पर की गई। बैंक गारंटी का कुल व्यापारिक प्रभाव कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू का 7.28 प्रतिशत निकलकर आया। द हिन्दू के मुताबिक, इसी रिपोर्ट के पैरा 21, 22 और 23 में बैंक गारंटी को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई है।
अखबार के अनुसार, INT रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत की तरफ से मध्यस्थों ने फ्रांस पर बैंक गारंटी देने का दबाव बनाया था। दिसंबर 2015 में विधि और न्याय मंत्रालय ने लिखित में सलाह दी थी कि “सौदे में सप्लाई और सेवाओं की डिलीवरी के बिना भारी भुगतान के मद्देनजर” कानूनी सुरक्षा के लिए फ्रांस से सरकारी या संप्रभु गारंटी जरूर ली जानी चाहिए। फ्रांस ने सौदेबाजी के दौरान बैंक गारंटी देने से साफ इनकार कर दिया, जबकि दसॉल्ट एविएशन के मूल MMRCA प्रस्ताव में यह बात उल्लेखित है।