सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश का पालन न करने पर पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगा। डल्लेवाल पिछले 37 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

पंजाब सरकार ने अवकाशकालीन पीठ को जानकारी दी कि डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता के लिए सहमति जताई है, लेकिन उनकी शर्त है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया था। अदालत ने केंद्र से रसद सहायता लेने की भी अनुमति दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने की पंजाब सरकार की आलोचना

सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल न ले जाने पर पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की थी। अदालत ने यह भी कहा था कि किसान नेता को अस्पताल जाने से रोकने वाले आंदोलनकारी आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में दोषी हो सकते हैं। पंजाब सरकार ने कहा कि उन्हें आंदोलनकारी किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिससे डल्लेवाल को अस्पताल ले जाना संभव नहीं हो सका।

जसकरन सिंह की अगुवाई में प्रयास

डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने के प्रयास में पंजाब सरकार ने पुलिस के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जसकरन सिंह की अगुवाई में एक टीम गठित की है। जसकरन सिंह और उनकी टीम ने पिछले कुछ दिनों में डल्लेवाल और किसान नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं। बुधवार को जसकरन सिंह ने खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “हमने डल्लेवाल से अपील की है कि अगर वह अनशन नहीं तोड़ना चाहते तो कम से कम चिकित्सा सहायता जरूर लें।”

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किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि सरकार के साथ हुई चर्चा समग्र आंदोलन के मुद्दों पर केंद्रित रही। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बातचीत से कोई ठोस नतीजा निकलेगा या नहीं। किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालत का मुख्य फोकस अपने आदेशों के अनुपालन पर है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया है कि वह बातचीत के परिणाम से खुश होगा, बशर्ते सभी पक्ष सहमत हों। गुरुवार की सुनवाई में यह स्पष्ट होगा कि पंजाब सरकार आदेशों का पालन करती है या नहीं। डल्लेवाल के अनशन को 37 दिन पूरे हो चुके हैं। उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है, लेकिन वह अपने आंदोलन को जारी रखने पर अड़े हुए हैं। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करे। सुप्रीम कोर्ट की गुरुवार की सुनवाई इस मुद्दे का भविष्य तय करने में अहम साबित हो सकती है।